कौन हैं बिहार BJP के नए अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, पार्टी ने क्यों जताया इनके नाम पर भरोसा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिलीप जायसवाल को सम्राट चौधरी की जगह बिहार बीजेपी का अध्यक्ष बनाया है। उन्होंने बिहार भाजपा की कमान ऐसे समय संभाली है, जब अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि सम्राट चौधरी को पार्टी की कमान देकर बिहार में पार्टी और एनडीए गठबंधन को कोई लाभ नहीं मिला। वे लोकसभा चुनाव में यादवों के बाद ओबीसी में दूसरे सबसे बड़े समूह कुशवाहा समुदाय के मतदाताओं को आकर्षित करने में विफल रहे।
दिलीप जायसवाल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह वर्तमान में नीतीश कुमार की सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री हैं। वह बिहार के खगड़िया जिले से आते हैं और वैश्य समुदाय के एक मजबूत नेता माने जाते हैं। बिहार में हाल ही में हुए जाति आधारित सर्वेक्षण के अनुसार यह सबसे बड़ी जाति है, जिसकी आबादी 36 प्रतिशत से अधिक है।

दिलीप जायसवाल लगातार लगभग 20 वर्षों तक बिहार भाजपा के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। भाजपा ने उन्हें सिक्किम भाजपा का प्रभारी बनाया था। वह किशनगंज स्थित माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के एमडी भी हैं। पिछले सप्ताह उन्होंने अपने ही अपने विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर खलबली मचा दी थी। उन्होंने कहा था कि राजस्व विभाग में बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहा है
भाजपा के नए अध्यक्ष दिलीप जायसवाल तीन बार एमलसी रहे हैं। उन्होंने 2022 में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया जिलों को मिलाकर बनी विधान परिषद की सीट पर जीतकर चौंका दिया। इस चुनाव में मुखिया, पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य और वार्ड के चुने हुए प्रतिनिधि वोट करते हैं। इस चुनाव में वह सबसे अधिक वोट से चुनाव जीते थे
दिलीप जायसवाल ने मुखर होकर सीमांचल में हिंदुत्व की राजनीति की है। यही वजह है कि भाजपा ने 2014 के चुनाव में उन्हें किशनगंज जैसी मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट से टिकट दिया था। वह 2 लाख से अधिक वोट से चुनाव हार गए थे। दिलीप जायसवाल की हालांकि, राज्यव्यापी छवि नहीं है। उन्हें कभी भाजपा के कद्दावर नेता सुशील मोदी का करीबी माना जाता था। यही वजह है कि नीतीश कुमार भी उन्हें पसंद करेंगे।