चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत की जीत, लेकिन पाकिस्तान के लिए घाटे का सौदा

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल भारत के शानदार प्रदर्शन के साथ समाप्त हुआ, जहां उसने न्यूजीलैंड को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। पूरे भारत में जश्न का माहौल था, हर ओर जश्न की गूंज थी। लेकिन दूसरी ओर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के लिए यह टूर्नामेंट एक बड़ा झटका साबित हुआ। पाकिस्तान ने 29 साल बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी की थी। उम्मीद थी कि यह टूर्नामेंट देश में क्रिकेट की नई लहर लाएगा और PCB के खजाने को भर देगा, लेकिन हुआ इसके विपरीत। लाखों-करोड़ों खर्च करने के बावजूद, पाकिस्तान को भारी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा।
अरबों का खर्च, लेकिन रिटर्न शून्य
PCB ने इस टूर्नामेंट के लिए लगभग 12.8 अरब पाकिस्तानी रुपये स्टेडियमों के नवीनीकरण पर खर्च किए। कराची, लाहौर और रावलपिंडी के स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया गया। अनुमान था कि पूरे टूर्नामेंट पर 8 अरब रुपये खर्च होंगे, लेकिन आखिरी समय में सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की लागत बढ़ने से खर्च और बढ़ गया। ICC से 70 मिलियन डॉलर (लगभग 195 करोड़ रुपये) मिलने थे, लेकिन अनियोजित खर्चों के चलते PCB की वित्तीय स्थिति और बिगड़ गई।

खाली स्टेडियम और दर्शकों की बेरुखी
भारी निवेश के बावजूद, टूर्नामेंट को वैसी प्रतिक्रिया नहीं मिली, जैसी उम्मीद थी। पाकिस्तान के मैचों में स्टेडियम खाली नजर आए। कराची में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में स्टेडियम का आधा हिस्सा खाली था, जिससे PCB की परेशानी बढ़ गई। महंगे टिकट, सुरक्षा चिंताएं, कमजोर प्रचार और टीम के खराब प्रदर्शन ने दर्शकों की रुचि खत्म कर दी।
मेजबान होने के बावजूद, पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। बतौर डिफेंडिंग चैंपियन, मोहम्मद रिजवान की कप्तानी में टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन टीम नाकाम रही। इस खराब प्रदर्शन के कारण स्थानीय दर्शकों की रुचि और कम हो गई, जिससे टिकट बिक्री पर भी असर पड़ा।
मेजबानी का फैसला सही या गलत?
पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे PCB के लिए यह टूर्नामेंट एक और झटका साबित हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, PCB चेयरमैन मोहित नकवी को VIP टिकट (3.5 करोड़ रुपये मूल्य के) बेचने पड़े, ताकि कुछ फंड इकट्ठा किया जा सके। भारत के पाकिस्तान दौरे से इनकार करने से PCB पहले ही 156 करोड़ रुपये का नुकसान झेल चुका था। इसके अलावा, फाइनल दुबई में होने से 39 करोड़ रुपये का अतिरिक्त घाटा हुआ।
टूर्नामेंट के ग्रुप स्टेज में तीन मैच बारिश की भेंट चढ़ गए, जिसमें दो बेनतीजा रहे और एक पूरा नहीं हो पाया। PCB को दो मैचों के टिकट का रिफंड देना पड़ा, जिससे घाटा और बढ़ गया।
PCB के लिए घाटे का सौदा
अगर सवाल उठे कि क्या चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान के लिए फायदेमंद रही? तो जवाब साफ तौर पर "नहीं" होगा। भारी निवेश, कम दर्शक, खराब प्रदर्शन और आर्थिक संकट—यह टूर्नामेंट पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। जहां भारत अपनी जीत का जश्न मना रहा था, वहीं पाकिस्तान न सिर्फ मैदान पर, बल्कि वित्तीय मोर्चे पर भी हार चुका था।