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नौशेरा सेक्टर में ऑपरेशन के दौरान आर्मी जवान शहीद, परिवार और गांव में मातम

जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान बिहार के भागलपुर जिले के एक जवान ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। नवगछिया अनुमंडल के इस्माइलपुर भिट्ठा गांव निवासी शहीद जवान की पहचान संतोष कुमार यादव के रूप में हुई है, जो सेना में अपनी सेवा दे रहे थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान हुई गोलीबारी में संतोष कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। संतोष के चचेरे भाई बृजेश यादव ने इस दुखद खबर की पुष्टि की।

फोन कॉल से मिली सूचना, गांव में पसरा मातम
परिवार को सेना की ओर से रात करीब 1 बजे सूचना देने की कोशिश की गई, लेकिन उस वक्त सभी सो रहे थे, जिससे कॉल रिसीव नहीं हो सका। सुबह संतोष के साले ने उनकी पत्नी साधना कुमारी को फोन कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद परिजन सदमे में डूब गए और पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई।

पार्थिव शरीर को लाने की तैयारी
शहीद संतोष के पार्थिव शरीर को उनके गांव लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सेना की ओर से यह जिम्मेदारी निभाई जा रही है। गांव में लोग नम आंखों से अंतिम दर्शन की तैयारी में जुटे हैं।

देशसेवा में समर्पित संतोष, थे चार बच्चों के पिता
संतोष पिछले तीन वर्षों से नौशेरा सेक्टर में तैनात थे और तीन महीने पहले ही छुट्टी पर अपने घर आए थे। उन्होंने अपने पीछे पत्नी और चार बच्चों को रोते-बिलखते छोड़ दिया है। उनकी सबसे बड़ी बेटी दीक्षा इस वर्ष दसवीं में प्रथम श्रेणी से पास हुई है, जबकि दूसरी और तीसरी बेटियां नवीं और सातवीं कक्षा में पढ़ रही हैं। सबसे छोटा बेटा लक्ष्य अभी केवल चार साल का है।

बिहार के कई सपूतों ने दिया बलिदान
यह पहली बार नहीं है जब बिहार ने अपने वीर सपूत को खोया हो। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पहले भी छपरा के इम्तियाज, सिवान के रामबाबू सिंह, नवादा के मनीष और नालंदा के सिंकदर जैसे कई जवानों ने देश की रक्षा में प्राण न्योछावर किए हैं।

संतोष कुमार की शहादत से जहां गांव में शोक व्याप्त है, वहीं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोग जुटने लगे हैं। हर किसी की आंखों में आंसू हैं, पर दिल में गर्व भी है कि गांव का लाल देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ।