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बिहार के बेटे विल्दान अज्जूमर ने बैंकॉक में लहराया परचम, 7वीं वर्ल्ड ओपन कराटे चैंपियनशिप में दो गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

बिहार के गया जिले के शेरघाटी प्रखंड के हमजापुर गांव के 10 वर्षीय विल्दान अज्जूमर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाया है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित 7वीं वर्ल्ड ओपन कराटे चैंपियनशिप में विल्दान ने दो स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। साथ ही उन्होंने ब्लू बेल्ट प्राप्त कर खुद को एक उभरते हुए कराटे खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया। अब वे आगामी 26 जनवरी 2026 को इंडोनेशिया में होने वाली अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन पर हमजापुर गांव में खुशी की लहर है और उनके स्वागत में उत्सव जैसा माहौल देखा गया।

विश्व मंच पर भारत का झंडा बुलंद
वर्ल्ड ओपन कराटे चैंपियनशिप का आयोजन बैंकॉक के रॉयल थाई आर्मी क्लब में हुआ, जहां 50 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। भारत की ओर से 15 खिलाड़ियों की टीम ने हिस्सा लिया, जिसमें गया के विल्दान भी शामिल थे। यह टूर्नामेंट 8 मई 2025 से शुरू हुआ था। प्रतियोगिता के दौरान विल्दान ने वियतनाम और नेपाल के खिलाड़ियों को पराजित कर दोनों मुकाबले जीते और दो गोल्ड मेडल अपने नाम किए।

कोलकाता में पढ़ाई, अंतरराष्ट्रीय में चमक
विल्दान इस समय अपने माता-पिता के साथ कोलकाता में रहते हैं और 'असेंबली ऑफ गॉड' स्कूल में कक्षा 6 का छात्र है। उनके साथ कोच एमए अली बैंकॉक गए थे, जिन्होंने उन्हें पूरी प्रतियोगिता के दौरान मार्गदर्शन दिया। इससे पूर्व विल्दान ने राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर इस वैश्विक प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई किया था।

वियतनाम-नेपाल को हराकर किया स्वर्ण पर कब्जा

वियतनाम-नेपाल को हराकर किया स्वर्ण पर कब्जा
विल्दान के मामा, इंजीनियर जफर कैफे के अनुसार, विल्दान ने पहले मुकाबले में वियतनाम के अंडर-10 खिलाड़ी को हराया और फिर फाइनल में नेपाल के खिलाड़ी को शिकस्त दी। ये दोनों ही मुकाबले नॉकआउट थे और विल्दान की शानदार रणनीति और कौशल के कारण उन्हें कोई टक्कर नहीं दे सका।

'काटा' में भी दिखाई महारत
विल्दान ने दूसरा स्वर्ण पदक 'काटा' कैटेगरी में हासिल किया, जो कराटे तकनीकों को निर्धारित क्रम में प्रस्तुत करने की प्रक्रिया होती है। इसमें उन्होंने इतनी निपुणता दिखाई कि निर्णायकों ने उन्हें सर्वोच्च स्थान पर आंका। 'काटा' के माध्यम से कराटे के बुनियादी सिद्धांतों और आत्मरक्षा की तकनीकों में उनकी दक्षता सामने आई।

गांव में जश्न का माहौल
विल्दान की इस अद्भुत उपलब्धि से न सिर्फ उसके परिवार बल्कि पूरे हमजापुर गांव में गर्व की भावना है। गांव लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया और हर कोई उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहा है। कराटे की दुनिया में यह नवोदित सितारा अब वैश्विक स्तर पर भारत का परचम और ऊंचा करने की तैयारी में है।

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