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SC/ST किसानों के लिए मछली पालन को बढ़ावा देने की पहल, तालाब निर्माण पर मिलेगी 80% सब्सिडी

 

बिहार सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मछली पालन को प्रोत्साहित करने हेतु एक नई योजना की शुरुआत की है। यह योजना विशेष रूप से दक्षिण बिहार के आठ पठारी जिलों — गया, औरंगाबाद, बांका, नवादा, कैमूर, जमुई, मुंगेर और रोहतास — के किसानों के लिए तैयार की गई है।

योजना के तहत किसानों को 0.4 से 1 एकड़ तक तालाब निर्माण के लिए 80% तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। एक एकड़ तालाब की अनुमानित लागत 16.70 लाख रुपये है, जिसमें से 13.36 लाख रुपये तक की राशि राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जाएगी। यह सहायता तालाब की खुदाई, ट्यूबवेल, सोलर पंप की स्थापना, गुणवत्ता युक्त मछली बीज एवं शेड निर्माण जैसे कार्यों के लिए प्रदान की जाएगी।

ऑनलाइन आवेदन की सुविधा, ज़रूरी दस्तावेजों की सूची जारी
इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान बिहार मत्स्य निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर 31 अगस्त 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। पात्रता के लिए किसानों के पास या तो स्वयं की जमीन होनी चाहिए या कम से कम 9 वर्षों के लिए लीज पर ली गई भूमि होनी चाहिए। साथ ही, उन्हें आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या लीज एग्रीमेंट जैसे दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।

सरकार का मानना है कि इस योजना से SC/ST समुदाय के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। साथ ही, अब तक अनुपयोगी रही पठारी जमीन का बेहतर उपयोग मछली पालन के जरिए किया जा सकेगा। लाभार्थियों का चयन एक समिति के माध्यम से निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।