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विकसित भारत के निर्माण में स्कूलों की भूमिका अहम, सिलीगुड़ी में आयोजित 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में उठा शिक्षा और उद्यमिता का मुद्दा

सिलीगुड़ी के प्रतिष्ठित होटल, कोर्टयार्ड बाय मैरिएट में 14 से 16 जून, 2025 तक प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन के 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर देशभर के 400 से अधिक प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने भाग लिया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए वक्ता ने शिक्षा, समावेशी विकास और उद्यमिता पर आधारित एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में विद्यालयों की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया।

सम्मेलन में एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद, उद्घाटनकर्ता एवं विशिष्ट अतिथि सांसद तारिक अनवर (कटिहार), राष्ट्रीय सचिव मेरविन कॉवेल, राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार धीरज मेहरोत्रा, यूनाइटेड किंगडम से पधारे शिक्षाविद क्रिस्टोफर, संत जेवियर्स स्कूल पटना के प्राचार्य फादर के पी डोमिचन सहित अन्य प्रमुख शिक्षाविदों की उपस्थिति रही।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि 2011 के बाद से एसोसिएशन द्वारा देशभर के 2 लाख से अधिक प्राइवेट स्कूलों—जिनमें बिहार के 25,000 से अधिक विद्यालय शामिल हैं—को एकजुट करने का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को ज़मीन पर उतारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने कहा, "2047 तक विकसित भारत के निर्माण में विद्यालयों की भूमिका अत्यंत निर्णायक है, क्योंकि भारत न केवल सांस्कृतिक व धार्मिक, बल्कि आर्थिक विविधताओं से भी परिपूर्ण है। हमें क्षेत्रीय आर्थिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए समावेशी विकास की रणनीति बनानी होगी।"

उन्होंने Let's Inspire Bihar अभियान का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले 4 वर्षों में 2.2 लाख से अधिक बिहारवासियों ने जाति, संप्रदाय और विचारधारात्मक भेदभाव से ऊपर उठकर शिक्षा, समता और उद्यमिता के मूलमंत्र पर कार्य किया है। इस अभियान का उद्देश्य बिहार को ऐसा विकसित राज्य बनाना है, जहाँ लोगों को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े।

सम्मेलन में निजी विद्यालयों की जिम्मेदारी पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा, “आज भारत के करोड़ों विद्यार्थी निजी विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। ऐसे में इन स्कूलों को केवल शिक्षा केंद्र ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय नेतृत्व तैयार करने वाले थॉट लीडर्स का निर्माण स्थल बनना होगा। विकसित भारत का सपना तब ही साकार होगा जब हम अधिक से अधिक जॉब-सीकर्स नहीं, बल्कि जॉब-क्रिएटर्स तैयार करेंगे।”

सम्मेलन की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल दिशा निर्धारण में सहायक होते हैं, बल्कि बेस्ट प्रैक्टिसेज के साझाकरण और नीति विमर्श के लिए एक सार्थक मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि 2006 में पटना के सिटी एसपी के रूप में कार्य करते हुए उनकी मुलाकात सैयद शमायल अहमद से हुई थी और तब से दोनों शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रहित में निरंतर सक्रिय रहे हैं।

उन्होंने जनवरी 2021 में पटना में आयोजित 7वें राष्ट्रीय सम्मेलन और दिसंबर 2024 में आगरा में आयोजित 12वें सम्मेलन का भी उल्लेख किया, जहाँ उन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था। आगरा सम्मेलन के दौरान भारत सरकार के कौशल विकास विभाग और एसोसिएशन के बीच प्री-प्राइमरी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण संबंधी एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए थे।

अंत में उन्होंने आह्वान किया कि सभी शिक्षाविद मिलकर दिशा निर्धारित करें, अनुभव साझा करें और समयबद्ध योजनाओं के साथ विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा, “यात्री मन भविष्य के प्रति आशान्वित है! यात्रा गतिमान है!”


 

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