'बिहार कृषि' ऐप से खेत की हर जानकारी अब मोबाइल पर; मौसम, फसल, बाजार और सब्सिडी की मिलेगी पूरी जानकारी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और अहम पहल करते हुए कृषि विभाग की कई योजनाओं का शुभारंभ किया और 'बिहार कृषि' नामक मोबाइल ऐप का लोकार्पण किया, जो प्रदेश के किसानों के लिए एक डिजिटल क्रांति का प्रतीक बन सकता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि अब सरकारी योजनाएं और आधुनिक खेती की तकनीकें उनकी मुट्ठी में होंगी — बस एक ऐप के ज़रिए।
डिजिटल पासबुक से मिलेगी हर लाभ की जानकारी
कृषि विभाग के प्रधान सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत 'डिजिटल पासबुक' है, जो बैंक पासबुक की तरह किसानों के सभी सरकारी लाभों, अनुदानों, भुगतान और आवेदन की स्थिति को रिकॉर्ड करती रहेगी। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी।

सरकारी योजनाओं का आवेदन अब होगा आसान
अब किसान सीधे मोबाइल ऐप के माध्यम से सिंचाई सहायता, बीज वितरण और कृषि यंत्र अनुदान जैसी योजनाओं के लिए घर बैठे आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा दस्तावेजों की जांच और आवेदन की स्थिति की निगरानी भी इसी ऐप पर संभव होगी। फसलों में लगने वाले कीट, रोग या खरपतवार की पहचान के लिए भी यह ऐप बेहद सहायक साबित होगा। किसान विशेषज्ञों से वीडियो कॉल या चैट के जरिए सलाह भी ले सकिसान अब ऐप पर अपने खेत का मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी देख सकेंगे। मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर ऐप उन्हें उपयुक्त उर्वरक और फसल चक्र का सुझाव देगा। इतना ही नहीं, राज्य की कृषि मंडियों में चल रहे अनाज और सब्जियों के ताजे बाजार भाव भी किसान ऐप पर देख पाएंगे, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलने में मदद मिलेगी।
आज कृषि भवन में 315 नवनियुक्त प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों को कृषि विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र प्रदान किया। मेरा विश्वास है कि नवनियुक्त पदाधिकारी अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहन करेंगे।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) May 19, 2025
इसी कार्यक्रम में 144.72 करोड़ रु॰ की लागत से कृषि… pic.twitter.com/e22kfof4a4
खेत की मिट्टी बोलेगी खुद की कहानी
किसान अब ऐप पर अपने खेत का मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी देख सकेंगे। मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर ऐप उन्हें उपयुक्त उर्वरक और फसल चक्र का सुझाव देगा। इतना ही नहीं, राज्य की कृषि मंडियों में चल रहे अनाज और सब्जियों के ताजे बाजार भाव भी किसान ऐप पर देख पाएंगे, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलने में मदद मिलेगी।
प्राकृतिक आपदाओं की पहले से सूचना
बारिश, ओलावृष्टि या तूफान जैसी आपदाओं की अग्रिम सूचना भी ऐप के ज़रिए मिलेगी ताकि किसान समय रहते एहतियात बरत सकें और फसल की रक्षा कर सकें।
शिक्षा, प्रेरणा और संवाद का केंद्र बनेगा ऐप
इस ऐप में एक नया फीचर 'बिहार कृषि रेडियो' जोड़ा गया है, जहां किसान खेती के नवीनतम तरीकों, सरकारी योजनाओं और सफल किसानों की प्रेरक कहानियों को सुन सकेंगे। इसके अलावा ऐप पर खेती से जुड़ी तकनीकों पर आधारित शैक्षणिक वीडियो भी उपलब्ध होंगे।
ऐसे करें इस्तेमाल
यह ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और जिला-प्रखंड की जानकारी देनी होगी। ऐप हिंदी और भोजपुरी भाषा में उपलब्ध है, जिससे किसान आसानी से इसे समझ सकें।
कृषि भवन और प्रचार वाहनों का शुभारंभ
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 62 अनुमंडल स्तरीय कृषि भवनों का शिलान्यास भी किया, जिनकी लागत करीब 55.26 करोड़ रुपये है। ये भवन किसानों को एक ही छत के नीचे तकनीकी सलाह, योजनाओं की जानकारी और सरकारी सहायता मुहैया कराएंगे। वहीं, खरीफ महाभियान 2025 की शुरुआत करते हुए सीएम ने 20 प्रचार और बीज वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया, जो राज्य भर में किसानों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से योजनाओं के प्रति जागरूक करेंगे।