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छत्तीसगढ़ में ED के छापे, झारखंड के कोयला करोबारियों में मचा हड़कंप

Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय  यानि ईडी लागातार कार्रवाई कर रही है। अवैध कोयला उत्खनन व करोबार के जरिये उगाही के मामले में छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई करते हुए  ईडी ने 51.40 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद झारखंड में कोयला कारोबार से जुड़े अधिकारी, राजनेता और व्यापारियों हडकंप मच गया हैं। बीते दिनों झारखंड में भी कोयला का काला कारोबार खूब फला-फूला है। जिसमें बड़े अधिकारियों से लेकर कई राजनेता भी शामिल हैं।बता दें कि ईडी लागातार अवैध खनन को लेकर झारखंड में कार्रवाई कर रही है। ईडी ने जारी प्रेस रिलीज में बताया है कि छत्तीसगढ़ में प्रति टन कोयले के परिवहन पर 25 रुपये की वसूली की जाती थी और इसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों की मिलीभगत थी।

नौ लोगों  अब तक गिरफ्तार                               

ईडी के अनुसार अवैध कोयला उत्खनन व करोबार पिछले दो साल में इसके जरिए कम से कम 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई। वहीं  ईडी  ने कर्रवाई करते हुए बुधवार को आईएएस अफसर और कांग्रेस विधायकों की 51 करोड़ रुपये नगद कुर्क किया है।इसमें 90 अचल संपत्तियों में भवन, लग्जरी वाहन, आभूषण भी शामिल है। आईएएस  रानू साहू, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, विधायक देवेंद्र यादव औऱ चंद्रदेव प्रसाद राय, आरपी सिंह, विनोद तिवारी राम गोपाल अग्रवाल पर कार्रवाई की है। पूर्व में ईडी ने कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की 170 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। आयकर विभाग ने 145 परिसरों में तलाशी ली गई थी। इस संबंध में ईडी द्वारा मामला दर्ज करने के बाद से राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और छत्तीसगढ़ काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई सहित नौ लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।

 झारखंड में भी सक्रिय है कोयला माफियाओं का सिंडिकेट

 ईडी ने कोयला घोटाले में 13 जनवरी को झारखंड के रांची, जमशेदपुर, छत्तीसगढ़ कर्नाटक सहित 40 ठिकानों पर रेड किया था। झारखंड के धनबाद, हजारीबाग, बोकारो सहित कई जिलों में कोयला कारोबार में अवैध कारोबार का खेल चलता है। पूर्व में अवैध कोयला खनन को लेकर इडी ने झारखंड पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी थी। इडी को मामले में लिखित शिकायत मिली थी। कई जिलों के अधिकारी और राजनेता के संरक्षण में कोयला कारोबारी की जानकारी भी ईडी को मिली थी। ईडी ने पुलिस मुख्यालय से इस कारोबार में शामिल लोगों और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर अवैध संपत्ति की भी जानकारी मांगी थी। मामले में दर्ज प्राथमिकी और कोर्ट में समर्पित आरोप पत्र भी उपलब्ध कराने को कहा था। ईडी कोयला कारोबार से जुड़े दस्तावेज भी उपलब्ध कराने को कहा था। झारखंड में भी कोयला माफियाओं का सिंडिकेट सक्रिय है। बताया जाता है रोज औसतन 700 से 800 हाइवा कोयला के अवैध तस्करी हो रही है, जो डिहरी, बनारस बंगाल की मंडियों और अन्य स्थानों पर खपाया जा रहा है।