Movie prime

सावन में देवघर में लगेगा भव्य श्रावणी मेला, तैयारियों को दी जा रही अंतिम रूपरेखा

श्रावण मास का शुभारंभ इस वर्ष 11 जुलाई से हो रहा है, और इसके साथ ही देवघर में लगने वाले राजकीय श्रावणी मेले की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। नगर निगम ने सोमवार को मेले की व्यवस्थाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें कुल 40 कार्यों के लिए निविदाएं स्वीकृत की गईं।

इन कार्यों में प्रमुख रूप से शौचालयों का निर्माण और मरम्मत, चारदीवारी का कार्य, नाले और सड़कों की मरम्मत एवं निर्माण शामिल हैं। पूरे कार्यों पर अनुमानित ₹3.25 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। इसमें सबसे अधिक ₹1.61 करोड़ शौचालय से संबंधित कार्यों पर खर्च होंगे। इसके अलावा, ₹70.45 लाख घेराबंदी पर, ₹1.15 करोड़ नाले पर तथा ₹84 लाख सड़क कार्यों पर खर्च किए जाएंगे।

नगर आयुक्त रोहित सिन्हा ने जानकारी दी कि इन कार्यों की शुरुआत बुधवार से कर दी जाएगी। सभी ठेकेदारों को आदेश जारी किए जाएंगे और समयसीमा में कार्य पूरा करने की सख्त हिदायत दी गई है। साथ ही, कार्य की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है ताकि कांवरियों को किसी तरह की असुविधा न हो और वे बाबा धाम से संतोषपूर्वक लौट सकें।

श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए पंडा धर्मरक्षिणी सभा का सुझाव पत्र
इधर, पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा मंटू ने उपायुक्त और मंदिर प्रशासक को सात महत्वपूर्ण बिंदुओं वाला एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें सावन मेले से पूर्व कई आवश्यक सुधारों की मांग की गई है। ज्ञापन में प्रमुख बिंदु यह है कि शीघ्रदर्शनम् श्रेणी के श्रद्धालुओं के लिए अलग प्रवेश मार्ग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिस पर पूर्व उपायुक्त द्वारा सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी है। इसमें स्थानीय युवाओं को रोजगार का अवसर देकर कतार प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सहायता की बात कही गई है।

मंदिर स्टाफ के लिए हो विशेष पहचान और सुविधा
गर्मी के चलते श्रद्धालुओं के बेहोश होने की घटनाओं को देखते हुए संस्कार भवन, शीघ्रदर्शनम् कतार और फुट ओवरब्रिज पर पेयजल, विद्युत और वातानुकूलन की व्यवस्था करने की मांग की गई है। इसके अलावा बाबा मंदिर परिसर के जर्जर हिस्सों की मरम्मत सभा की सहभागिता से कराए जाने का सुझाव दिया गया है। एक अन्य मांग में मंदिर कर्मचारियों के लिए निर्धारित वेशभूषा (ड्रेस कोड) लागू करने की बात कही गई है, ताकि श्रद्धालु उन्हें स्पष्ट रूप से पहचान सकें।

यातायात और दर्शन व्यवस्था में सुधार
मंदिर कर्मचारियों के लिए क्यू कॉम्प्लेक्स के नीचे एक स्थायी पार्किंग स्थल विकसित करने का सुझाव दिया गया है जिससे मंदिर क्षेत्र में यातायात बाधित न हो। साथ ही, प्रशासनिक भवन के रास्ते से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग भी ज्ञापन में शामिल है।

शीघ्रदर्शनम् के लिए टाइम स्लॉट की व्यवस्था
धर्मरक्षिणी सभा ने शीघ्रदर्शनम् के लिए समय स्लॉट निर्धारित करने की मांग की है। प्रस्तावित व्यवस्था के अनुसार, प्रत्येक घंटे में 10–15 मिनट शीघ्रदर्शनम् वालों को जलार्पण का अवसर दिया जाए, और शेष समय सामान्य श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित हो। इसके अतिरिक्त, समय से पहले पहुंचे शीघ्रदर्शनम् श्रद्धालुओं के लिए उमा भवन में प्रतीक्षा की व्यवस्था करने और सामान्य कतार हेतु स्थायी कतार तथा वेटिंग हॉल बनाए जाने की मांग की गई है।