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झारखंड में भाजपा की करारी हार के बाद मंथन शुरू, प्रदेश नेतृत्व में परिवर्तन की तैयारी

झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसके कारणों की समीक्षा शुरू कर दी है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने चुनाव प्रभारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं, झारखंड भाजपा भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेगी। इस बाबत आगामी 3 दिसंबर को प्रदेश के तमाम भाजपा नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। 

ओबीसी या सामान्य वर्ग के नेता पर दांव संभव
सूत्रों के मुताबिक, झारखंड भाजपा में नए साल के आरंभ में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल की है, को विधानसभा में अहम भूमिका दी जा सकती है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ओबीसी या सामान्य वर्ग के किसी प्रभावशाली नेता को मौका देने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, विपक्ष की आवाज़ को मजबूती से उठाने वाले किसी नेता को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

संगठन महामंत्री पद पर भी हो सकता बदलाव
प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ संगठन महामंत्री के पद पर भी बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मौजूदा संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले यह जिम्मेदारी संभाली थी, को सह संगठन महामंत्री के साथ नई टीम का हिस्सा बनाया जा सकता है। पार्टी को लगता है कि कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर समन्वय के लिए संगठन में नए चेहरे या सहयोगी नियुक्तियों की जरूरत है।

राष्ट्रीय नेतृत्व की समीक्षा और भविष्य की तैयारी
भाजपा के लिए यह हार आत्ममंथन का समय है। राष्ट्रीय नेतृत्व हार के कारणों का विश्लेषण कर आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुटा है। पार्टी आरएसएस के प्रचारकों को संगठन में अहम भूमिकाएं देकर कार्यकर्ताओं के उत्साह को बढ़ाने की योजना बना रही है। हालांकि, नेतृत्व परिवर्तन को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।