आर्किटेक्ट विनोद सिंह का कबूलनामा, कोड वर्ड में होता था पैसों का ज़िक्र

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी हेमंत सोरेन के करीबी आर्किटेक्ट विनोद सिंह से पिछले कुछ दिनों से लगातार पूछताछ कर रही है। कल भी ईडी ने तकरीबन 4 घंटे विनोद सिंह से पूछताछ की। विनोद सिंह के फोन में ईडी को कई IAS–IPS के ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसे के लेन-देन पथ निर्माण, भवन निर्माण निगम, नगर विकास, नगर निगम सहित अन्य विभागों द्वारा निकाले गए टेंडर को मैनेज करने के सबूत मिले। इसके अलावा विनोद के व्हाट्सप्प चैट में पैसों की लेन-देन के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल किया। चैट में लाख रुपये के लिए 'फाइल' और करोड़ रुपये के लिए 'फोल्डर' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। विनोद सिंह ने ईडी के समक्ष स्वीकार किया कि ये चैट उसके और हेमंत सोरेन के बीच के हैं। जिसके बाद ईडी ने चैट का प्रिंटआउट निकाला और उसपर विनोद के हस्ताक्षर लिए।
प्राप्त जानकरी के अनुसार, विनोद के मोबाइल से मिले एक चैट में एक सरकारी जमीन का हस्तांतरण निजी व्यक्ति के नाम पर करने का जिक्र किया गया है। इसके बदले 2.50 करोड़ रुपए नजराना मिलने का भी जिक्र हैं। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन का खेल किया जाना था। रांची में भी जमीन से जुड़े काम सुविधाजनक तरीके से कराने के लिए कुछ अधिकारियों की पोस्टिंग कराने का जिक्र मिला है। ईडी ने इससे संबंधित रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। करीब 32 पन्ने की अनुशंसा सरकार को भेजी गई है।

गौरतलब है कि बड़गाई अंचल की 8.46 एकड़ जमीन मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुरुवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद ईडी ने गुरुवार को उन्हें पीएमएलए कोर्ट के विशेष जज राजीव रंजन की कोर्ट में पेश किया। करीब 18 मिनट में कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। रिमांड पर लेकर 13 दिन तक पूछताछ के बाद जांच एजेंसी की टीम गुरुवार दोपहर करीब दो बजे हेमंत को लेकर कोर्ट पहुंची। फिर दोपहर 2:18 बजे उन्हें लेकर कोर्ट से जेल के लिए निकल गई।