सदन के बाहर बालू की दुकान, बीजेपी विधायकों का अनोखा विरोध प्रदर्शन
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नॉन टैक्स पेयर लोगों को मुफ्त में बालू देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के खिलाफ, सत्र के अंतिम दिन यानी आज बीजेपी के निलंबित विधायकों ने सदन के बाहर अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने बालू के स्टॉल लगाकर 100 से 1000 रुपये प्रति किलो की दर से बालू बेचा, जिससे सरकार की बालू नीति पर विरोध जताया।
विधानसभा के बाहर विधायक शशिभूषण मेहता और नीरा यादव ने बालू के स्टॉल लगाए, जहां अन्य बीजेपी विधायक खरीदारी करते दिखे। नीरा यादव ने बताया कि वह स्वर्णरेखा नदी का बढ़िया बालू 100 रुपये किलो बेच रही हैं, जबकि शशिभूषण मेहता ने कहा कि वह कोयल नदी का बालू 1000 रुपये किलो की दर से बेच रहे हैं। मेहता ने बालू की ऊंची कीमत का कारण बताते हुए कहा कि बालू लाने के दौरान विभिन्न थानों में रिश्वत देने की आवश्यकता पड़ती है।
बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने शशिभूषण मेहता से 1000 रुपये किलो की दर से बालू खरीद कर राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि गरीबों और नॉन टैक्स पेयर लोगों को मुफ्त बालू नहीं मिल रहा है, और बालू की कालाबाजारी के कारण इसके दाम बढ़ गए हैं। उन्होंने सरकार पर चुनावी वादे के तहत लोकलुभावन घोषणा करने का आरोप लगाया।
विधानसभा के बाहर जहां एक ओर बीजेपी के विधायक बालू बेच रहे थे, वहीं दूसरी ओर सरकार के मंत्री वहां से गुजरते हुए इस दृश्य का मजाक बनाते दिखे। मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये लौटाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में बालू की कोई कमी नहीं है।