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JSSC CGL परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों ने उठाए सवाल

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) में गड़बड़ी की शिकायतों ने नया मोड़ ले लिया है। गड़बड़ी की शिकायत करने वाले छह छात्रों को आज आयोग ने सबूत पेश करने के लिए बुलाया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में छात्र JSSC कार्यालय पहुंचे। इस बीच, आयोग कार्यालय के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।

आयोग की ओर से कुणाल प्रताप सिंह, आशीष कुमार, प्रकाश कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार और प्रेमलाल ठाकुर को बुलाया गया है ताकि वे अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश कर सकें। आयोग ने इन शिकायतकर्ताओं से पूछताछ करने के साथ ही छात्रों की भीड़ को अवैध करार दिया है।

आयोग ने शिकायर्ताओं से यह सवाल किया है कि जब उनकी शिकायतों पर जांच चल रही है, तो फिर आयोग के बाहर छात्रों को जमा करने का क्या मकसद है। आयोग ने पूछा है कि क्या इसके लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई थी, और अगर नहीं, तो विधि-व्यवस्था भंग होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी किस पर होगी।

विदित हो कि JSSC ने 21 और 22 सितंबर को पेन-पेपर आधारित परीक्षा आयोजित की थी, जिसके बाद से छात्रों ने पेपर लीक और प्रश्नों की पुनरावृत्ति के आरोप लगाए हैं। परीक्षा के तुरंत बाद ही छात्रों ने हजारीबाग और रांची में विरोध प्रदर्शन किए और कैंडल मार्च निकाला। वहीं आयोग ने गड़बड़ियों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है, जिसमें आयोग के संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उप सचिव अरविंद कुमार लाल शामिल हैं। यह कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

मुख्य आरोप: 

-रांची के एक परीक्षा केंद्र पर एक छात्र ने परीक्षा शुरू होने से पहले किसी अन्य छात्र को उत्तर लिखते हुए देखा, जो बाद में हूबहू मिल गए।

-धनबाद के एक सेंटर पर भी एक छात्र को फोन पर उत्तर नोट करते हुए देखा गया, जिसका वीडियो छात्रों ने रिकॉर्ड किया।

-हज़ारीबाग के एक परीक्षा केंद्र पर पुलिस अधिकारी द्वारा एक लड़की को उत्तर बताए जाने का आरोप लगा।

-रांची के एक परीक्षा केंद्र में गलत पेपर और उत्तर पुस्तिका वितरित करने की घटना सामने आई।

-कई प्रश्न 2018 और 2022 की SSC परीक्षाओं से समान पाए गए, जो अभ्यर्थियों के शक को और बढ़ा रहा है।