Movie prime

धनबाद में सेक्सटॉर्शन का 'फोन धंधा' बेनकाब, सरगना मोंटी समेत तीन महिलाएं गिरफ्तार

धनबाद के बैंकमोड़ क्षेत्र में सेक्सटॉर्शन का एक बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। साइबर पुलिस ने एक कॉल सेंटर पर छापेमारी कर इसका भंडाफोड़ किया है, जहां से गिरोह का सरगना मनीष कुमार उर्फ मोंटी भइया और उसकी पत्नी नम्रता उर्फ नेहा सहित तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। यह अवैध कॉल सेंटर राजेंद्र मार्केट के एक फ्लैट में संचालित हो रहा था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 14 मोबाइल फोन और 18 सिम कार्ड जब्त किए हैं।

साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने बताया कि मोंटी और उसकी पत्नी इस नेटवर्क को मिलकर चला रहे थे। शुरू में कॉल सेंटर के जरिए लोगों को सदस्य बनाया जाता था और फिर उन्हें अश्लील चैट, न्यूड वीडियो और सेक्सुअल कंटेंट दिखाने का लालच देकर फंसाया जाता था। इस पूरी प्रक्रिया में गुप्त रूप से उनका वीडियो रिकॉर्ड किया जाता था, जिसे बाद में ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

सोशल मीडिया पर प्रचार, मेंबरशिप के नाम पर वसूली
गिरोह सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रचार कर लोगों को फंसाता था। एक हजार रुपये में सदस्यता, पांच हजार में अश्लील वीडियो और दस हजार में लाइव न्यूड वीडियो की 'सर्विस' देने का झांसा दिया जाता था। इसी दौरान वीडियो रिकॉर्ड कर ब्लैकमेलिंग की रणनीति अपनाई जाती थी।

पंजाब से आई शिकायत से खुला राज, अब मोंटी की संपत्ति पर नजर
इस रैकेट का भंडाफोड़ पंजाब के एक व्यक्ति की शिकायत से हुआ, जिसने एनसीआरपी पोर्टल पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता से दोस्ती और शेयर बाजार में निवेश कराने के नाम पर 40 हजार रुपये की ठगी की गई थी। पुलिस ने मामले की जांच कर छापेमारी की और पूरे रैकेट को पकड़ लिया। अब पुलिस मोंटी की संपत्तियों की जांच कर उन्हें जब्त करने की प्रक्रिया में जुटी है।

महिलाओं को मिलती थी आधी कमाई, पत्नी संभालती थी मॉनिटरिंग
पुलिस पूछताछ में पता चला कि मोंटी फर्जी कागजात से सिम कार्ड्स और मोबाइल जुटाता था। वहीं, उसकी पत्नी नम्रता कॉल सेंटर में काम करने वाली महिलाओं की भर्ती और उन पर निगरानी रखने का जिम्मा निभाती थी। कॉल सेंटर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलता था, और इसमें काम करने वाली महिलाओं को ठगी की रकम का 50 प्रतिशत हिस्सा दिया जाता था।

कॉल सेंटर में हर 10 मिनट में बजते थे फोन
छापेमारी के वक्त कॉल सेंटर में सभी महिलाएं लगातार मोबाइल पर व्यस्त थीं। हर 10 मिनट में कॉल्स आ रहे थे, जिन्हें महिलाएं रिसीव कर बातचीत कर रही थीं। इस बात से कॉल सेंटर की सक्रियता और व्यस्तता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।