रांची विधानसभा का इलाज करने को मैदान में डाक्टर

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के तहत नामांकन और स्क्रूटनी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 13 नवंबर को होने वाले मतदान में रांची विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुभवी नेता और विधायक सीपी सिंह, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की वरिष्ठ नेता महुआ माजी और जाने-माने नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. बीपी कश्यप चुनावी मैदान में हैं।
40 साल से रांचीवासियों की सेवा कर रहे हैं डॉ. कश्यप
डॉ. बीपी कश्यप ने पिछले चार दशकों में रांची में 1.86 लाख से अधिक मरीजों का नेत्र उपचार किया है। उनका कहना है कि अब 67 वर्ष की आयु में वे समाज को कुछ लौटाना चाहते हैं और रांची की जनता की सेवा करते हुए उन्हें बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना चाहते हैं। वे स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं को रांची में और मजबूत करना चाहते हैं।

स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में डॉ. कश्यप का योगदान
डॉ. बीपी कश्यप ने झारखंड के सबसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल की स्थापना की है, जो NABH मानकों के अनुरूप है। इस अस्पताल में एम्स से प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम कॉर्निया, रेटिना, आई ट्यूमर, कैंसर और ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करती है। डॉ. कश्यप का सपना है कि झारखंड के लोग इलाज के लिए दिल्ली या वेल्लोर ना जाएं, बल्कि स्थानीय स्तर पर ही उन्हें उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
नेत्रदान जागरूकता अभियान में अग्रणी डॉ. भारती कश्यप
डॉ. कश्यप की पत्नी, डॉ. भारती कश्यप भी देश की जानी-मानी नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और समाज सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। डॉ. भारती कश्यप ने 1996 में नेत्रदान जागरूकता अभियान की शुरुआत की और बाद में 2002 में कश्यप मेमोरियल आई बैंक की स्थापना की। उनके इस प्रयास से झारखंड में नेत्र प्रत्यारोपण (आई ट्रांसप्लांट) का काम संभव हो पाया। हर साल इस अस्पताल में 100 से अधिक आई ट्रांसप्लांट किए जाते हैं। साथ ही, डॉ. भारती ने राज्य के सरकारी स्कूलों में 20 लाख से अधिक बच्चों की नेत्र जांच कराई और कई बच्चों को मुफ्त में चश्मे एवं सर्जरी की सुविधा दी।
कश्यप परिवार का चिकित्सा में अद्वितीय योगदान
डॉ. बीपी कश्यप के पिता डॉ. भरत प्रसाद कश्यप ने 1979 में रिम्स में झारखंड का पहला आई ट्रांसप्लांट किया था, जो संयुक्त बिहार का भी पहला प्रयास था। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, डॉ. बीपी कश्यप और उनके बेटे डॉ. विभूति कश्यप, जो एम्स दिल्ली से विट्रियो-रेटिना विशेषज्ञ हैं, नेत्र रोग के क्षेत्र में लगातार उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। विभूति कश्यप ने झारखंड में डायबिटिक रेटिनोपैथी का विस्तृत रिसर्च डेटा तैयार कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया है।
डॉ. कश्यप और भारती कश्यप को मिले हैं कई सम्मान
डॉ. बीपी कश्यप और डॉ. भारती कश्यप को उनके समाज सेवा के कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। डॉ. भारती को नारी शक्ति पुरस्कार 2017 मिला है, जो देश के महिलाओं के उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाता है। वहीं, डॉ. बीपी कश्यप को आई ट्रांसप्लांटेशन और नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में ISCKRS एक्सीलेंस अवार्ड सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया है।
डॉ. बीपी कश्यप के मेडिकल इनोवेशन्स
-1984 में रांची में रेटिना ट्रीटमेंट की शुरुआत की।
-2003 में प्रीमैच्योर बच्चों की आंखों की देखभाल के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया।
-2006 में रेटिना के इलाज के लिए इंट्राविट्रियल इंजेक्शन का इस्तेमाल प्रारंभ किया।
-2021 में रेटिना की दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल प्रारंभ किया।
-2022 में झारखंड के पहले राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आई ट्रांसप्लांट प्रशिक्षण सुविधा की स्थापना की।