रांची पहुंचे प्रसिद्ध फिल्मकार प्रकाश झा, मंत्री सुदिव्य सोनू संग पर्यटन और निवेश पर हुई चर्चा

देश के नामचीन फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा बुधवार को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य के पर्यटन, कला और नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू से मुलाकात की। दोनों के बीच यह मुलाकात काफी देर तक चली, जिसमें पर्यटन, सांस्कृतिक विकास और संभावित निवेश को लेकर गंभीर विमर्श हुआ।
मंत्री सुदिव्य सोनू ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया के ज़रिए साझा करते हुए बताया कि प्रकाश झा से राज्य में पर्यटन और कला के क्षेत्र में संभावनाओं को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि आने वाले समय में झारखंड में निवेश और कला से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।

प्रकाश झा: खेतों से फिल्मों तक का सफर
प्रकाश झा का बचपन बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले के बेतिया के बरहरवा गांव में बीता, जहां उनके परिवार की खेती थी। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई सैनिक स्कूल तिलैया (कोडरमा) और फिर बोकारो स्थित केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 से की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में उन्होंने भौतिकी में स्नातक (ऑनर्स) की पढ़ाई शुरू की, लेकिन एक साल में ही पढ़ाई छोड़ दी और चित्रकला में करियर बनाने के उद्देश्य से मुंबई चले गए।
मुंबई में जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में प्रवेश की तैयारी के दौरान जब उन्होंने फिल्म ‘धर्मा’ की शूटिंग देखी, तो उनका रुझान फिल्म निर्माण की ओर हो गया। इसके बाद उन्होंने केसी कॉलेज, मुंबई से अपनी पढ़ाई पूरी की।
एफटीआईआई से शुरुआत, मुंबई में मिली मंज़िल
साल 1973 में प्रकाश झा ने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में एडिटिंग का कोर्स शुरू किया। लेकिन छात्र आंदोलनों के कारण संस्थान कुछ समय के लिए बंद हो गया, और वे वापस मुंबई लौट आए। इसके बाद उन्होंने वहीं से फिल्म निर्माण की दुनिया में अपने सफर की शुरुआत की। एफटीआईआई का कोर्स उन्होंने दोबारा कभी पूरा नहीं किया।
प्रकाश झा की गिनती देश के उन फिल्मकारों में होती है जिन्होंने गंगाजल, राजनीति, अपहरण, चक्रव्यूह, दामूल, और मृत्युदंड जैसी समाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाई है।