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झारखंड के युवाओं के लिये खुशखबरी! राज्य में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ

झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में 26 हजार शिक्षकों की बहाली का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। इस फैसले से स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी और पठन-पाठन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इस संबंध में झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने चाईबासा परिसदन में मीडिया से बातचीत की।

शिक्षा व्यवस्था में होगा बड़ा बदलाव
मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि झारखंड सरकार शिक्षा के सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है। हालांकि, कई बार तकनीकी कारणों से शिक्षकों की बहाली में देरी होती रही है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से यह बाधा अब दूर हो गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे राज्यभर के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दूर किया जा सकेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक नियुक्ति के बाद सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित रहे। इसके अलावा, झारखंड सरकार शिक्षा प्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। शिक्षा मंत्री ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नीतियों के कारण राज्य की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई थी। शिक्षकों को 16-17 वर्षों तक प्रमोशन नहीं मिला, जिससे मध्य और उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की भारी कमी हो गई। हालांकि, अब स्थिति बदलने जा रही है और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर सुधार देखने को मिलेगा।

नई शिक्षा नीति पर जोर
मंत्री सोरेन ने बताया कि सरकार नई शिक्षा नीति के तहत कई नए कदम उठा रही है। क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाई का अवसर मिले। इसके अलावा, शिक्षकों से गैर-शिक्षण कार्य करवाने की पुरानी व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है और इसमें जल्द बदलाव किए जाएंगे।

राज्य सरकार मॉडल स्कूलों पर विशेष ध्यान दे रही है। हर प्रखंड में मॉडल स्कूल संचालित किए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों में सीबीएसई माध्यम से पढ़ाई शुरू की गई है। सरकार का मुख्य लक्ष्य बुनियादी शिक्षा को मजबूत करना और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है।