हाईटेक हुये गुरुजी! प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा को डिजिटल बनाने के लिए शिक्षकों को मिले टैबलेट

राज्य में प्राथमिक शिक्षा को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को टैबलेट वितरित किए हैं। इसके तहत राज्य के 28,945 स्कूलों को यह सुविधा दी गई है। प्रोजेक्ट भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिक्षकों को टैबलेट सौंपे। यह पहल ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने और स्कूल प्रबंधन को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से की गई है। 2020-21 में इस योजना की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत केंद्र सरकार ने प्रति टैब 10,000 रुपये देने का फैसला किया था। हालांकि, टैबलेट की वास्तविक कीमत अधिक होने के कारण राज्य सरकार ने अतिरिक्त 5,000 रुपये की सहायता देने का निर्णय लिया, जिससे प्रति टैब 15,000 रुपये की व्यवस्था की गई।
तकनीकी सशक्तिकरण से शिक्षकों को मिलेगा लाभ
सरकार द्वारा जारी इन टैबलेट्स का उपयोग न केवल शिक्षण के लिए किया जाएगा बल्कि शिक्षकों के प्रशिक्षण, बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने और स्कूलों की निगरानी के लिए भी किया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने ‘विद्यालय रिपोर्ट कार्ड’ और शिक्षकों के लिए 50 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी लॉन्च किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, मुख्य सचिव अलका तिवारी और शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 80 ‘सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ के रिपोर्ट कार्ड भी जारी किए गए।

किन स्कूलों को मिले टैबलेट?
सरकार द्वारा यह सुविधा उन प्राइमरी स्कूलों को दी गई है, जहां पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित होती हैं और 30 से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन है। सबसे अधिक टैब गिरीडीह जिले के 2,776 स्कूलों को दिए गए, जबकि सबसे कम लोहरदगा के 417 स्कूलों को मिले। राजधानी रांची के 1,456 स्कूलों को भी यह सुविधा प्रदान की गई।
सुरक्षा और निगरानी की विशेष व्यवस्था
स्कूलों में दिए गए टैबलेट की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिक्षकों और प्रधानाध्यापक की होगी। इसका उपयोग शिक्षण सामग्री तैयार करने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, इन टैबलेट्स की लोकेशन और उपयोग पर राज्यस्तरीय आईटी टीम नजर रखेगी। स्कूल प्रबंधन को टैबलेट के लिए सिम कार्ड और डेटा रिचार्ज की व्यवस्था करनी होगी।
डिजिटल युग में आगे बढ़ना जरूरी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि डिजिटल दौर में शिक्षा व्यवस्था को भी आधुनिक बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के समय में मोबाइल फोन एक अनिवार्य उपकरण बन गया है और हमें नई तकनीकों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य के उन क्षेत्रों में, जहां नेटवर्क की समस्या है, वहां मोबाइल टावर लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि ऑनलाइन शिक्षा की राह में कोई बाधा न आए। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि इस पहल से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्कूलों की निगरानी भी बेहतर ढंग से हो सकेगी।