झारखंड हाईकोर्ट ने भाजपा की निष्कासित नेत्री सीमा पात्रा की क्रिमिनल रिवीजन को किया अमान्य

झारखंड हाईकोर्ट ने भाजपा की निष्कासित नेत्री सीमा पात्रा की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को अमान्य कर अपील याचिका में तब्दील कर दिया है. विदित हो कि, सीमा पात्रा ने निचली अदालत से डिस्चार्ज पिटीशन खारिज किये जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. दरअसल सीमा पात्रा पर निचली अदालत में आरोप गठन होना है. खुद पर लगे आरोप को मुक्त कराने के लिए डिस्चार्ज पिटीशन फाइल किया था. जिसे निचली अदालत खारिज किया है.
बताते चलें कि, सीमा पात्रा पर आदिवासी दिव्यांग युवती को बंधक बनाकर शोषण अत्याचार और प्रताड़ित करने का आरोप है. सीमा पात्रा के खिलाफ अरगोड़ा थाना में कांड संख्या 285 /2022 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 31 अगस्त को अरगोड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जेल में ढ़ाई माह तक रहने के बाद एसटीएससी की विशेष कोर्ट से जमानत मिला था.

ज्ञातव्य हो कि, सीमा पात्रा के घर पर पीड़िता सुनीता मेड का काम करती थी जिसे 8 साल तक बंधक बनाकर सीमा पात्रा ने अत्याचार की सभी हदें पार कर दी थी. गर्म तवे से पीड़िता के शरीर पर दागा करती थी. मुंह से सौच साफ कराती थी. सीमा पात्रा का बेटा के दोस्त ने पीड़िता सुनीता को सीमा पात्रा के चुंगल से मुक्त कराया था. यह आरोप प्राथमिकी में लगाया गया है. बता दें कि सीमा पात्रा एक रिटायर्ड आईएएस की पत्नी है.