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वामपंथी आंदोलन के पुरोधा और पूर्व विधायक बास्ता सोरेन का 92 वर्ष की उम्र में निधन, घाटशिला में हुआ अंतिम संस्कार

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के संस्थापक सदस्य, पूर्व विधायक और आदिवासी आंदोलन के मजबूत स्तंभ बास्ता सोरेन का मंगलवार देर रात जमशेदपुर में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे और लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। इलाज के दौरान रात लगभग 1 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर घाटशिला लाया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। सबसे पहले ICC वर्कर्स यूनियन कार्यालय में यूनियन पदाधिकारियों और सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव झापडीशोल पहुंचाया गया, जहां आमजन के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भी अंतिम दर्शन किए।

संथाली परंपरा के अनुसार हुआ अंतिम संस्कार
गांव में संथाल रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर भाजपा नेत्री एवं पुत्रवधू डॉ. सुनिता देवदूत सोरेन, बेटियां महुआ सोरेन, मौसमी सोरेन, डॉ. माधुरी सोरेन, और गणमान्य नागरिकों में गणेश मुर्मू, मंगल मुर्मू, सिदो राम मुर्मू, सुरेंद्रनाथ सोरेन सहित कई लोग उपस्थित रहे।

वामपंथी विचारधारा के लिए किया जीवन समर्पित
बास्ता सोरेन ने उस दौर में वामपंथी आंदोलन की नींव रखी थी, जब तत्कालीन बिहार सरकार ने ऐसे संगठनों पर सख्त पाबंदी लगा रखी थी। उन्होंने जंगलों में रहकर जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया और संगठन को जमीनी स्तर तक मजबूत किया। CPI नेता दुलाल चंद्र हांसदा ने बताया कि उन्हें प्रेरणा घाटशिला के जगदीश चंद्र उच्च विद्यालय के शिक्षक और कोलकाता के अमूल्य चंद्र से मिली थी।

राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व का लंबा सफर
1962 में उन्होंने CPI के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव जीतकर झारखंड पार्टी के उम्मीदवार श्याम चरण मुर्मू को हराया और 1967 तक विधायक रहे। बाद में वे 1997 से 2010 तक काकड़ीशोल पंचायत के मुखिया भी रहे। उन्होंने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बीडी शर्मा के साथ मिलकर माझी परगना महाल की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।

बास्ता सोरेन अपने पीछे दो बेटे, तीन बेटियां और कई नाती-पोतों से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका जीवन आदिवासी अस्मिता, संघर्ष और नेतृत्व की मिसाल रहा है। उनके निधन को राजनीतिक और सामाजिक जगत में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है।