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लोहरदगा : पत्नी से हुये विवाद में सिपाही ने ASI को मारी गोली, जानें क्या है मामला

लोहरदगा के रघु टोली स्थित एसपी आवास के पीछे कल रात एक सिपाही ने ASI की गोली मार कर हत्या कर दी। दरअसल, सिपाही चुनाव ड्यूटी के बाद घर लौटा था। ऐसे में किसी बात को लेकर उसका पत्नी से विवाद हो गया। जिसके बाद जवान ने अपनी पत्नी और बेटी को कमरे में बंद कर दिया। पत्नी ने आसपास के पुलिस वालों से मदद की गुहार लगायी। इतने में ASI धर्मेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और जवान को समझाने की कोशिश में लग गए। इसी दौरान जवान भड़क गया और गोली चला दी और ASI धर्मेद्र सिंह की मौत हो गई।

बताते चलें कि आरोपी सिपाही के परिवार वालों का कहना है कि वह मानसिक रूप से बीमार है। वहीं ASI के परिवार का कहना है कि जवान को बचाने के लिए परिवार इस तरह की बातें कह रहा है। ASI के परिवार का आरोप ये भी है कि जब जवान मानसिक बीमार था तो उसे ड्यूटी पर क्यों रखा गया था। पुलिस ने आरोपी जवान को गिरफ्तार कर लिया है। 

हत्या के बाद बिल्डिंग में छिपा, 12 घंटे बाद सरेंडर
आरोपी को पकड़ने के लिए जब पुलिस टीम पहुंची तो वो बिल्डिंग में छिप गया। पुलिस ने हवाई फायरिंग की। आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन रातभर वो पुलिस वालों को चमका देते रहा। गुरुवार सुबह करीब 8 बजे उसने सरेंडर किया।

पत्नी से था झगड़ा, ASI को मार दी गोली
पुलिस के अनुसार पुलिस जवान आनंद सिंह मानसिक रूप से बीमार है। वह लोहरदगा में एसपी कोठी के पीछे किराए के मकान में रहता था। कुछ दिन पहले उसकी बेटी, बेटा और पत्नी गर्मी की छुट्टी में वहां आए थे। इस दौरान आनंद सिंह मुंडा चुनाव ड्यूटी के लिए गिरिडीह, दुमका, बोकारो, लोहरदगा चला गया। जहां से वह वापस लौटा। आनंद सिंह ने अपनी सर्विस राइफल भी जमा नहीं की थी। बुधवार की रात करीब 9:00 बजे उसने अपनी पत्नी और बच्चों को घर में बंद कर दिया। जिसके बाद उसकी पत्नी ने उसी बिल्डिंग में रहने वाले अन्य पुलिसकर्मियों को इसकी सूचना दी और उन्हें बाहर निकालने का अनुरोध किया। जब धर्मेंद्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मी उसकी पत्नी को वहां से बाहर निकाल रहे थे, तभी पुलिस जवान आनंद सिंह ने धर्मेंद्र सिंह को गोली मार दी। जिससे धर्मेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद पुलिस जवान रातभर बंदूक लेकर अपने कमरे में घूमता रहा। सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीम रातभर उसे बाहर निकालने का प्रयास करती रही, लेकिन वह बाहर आने को तैयार नहीं था। गुरुवार की सुबह उसने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।