विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएम की सौगात, आदिवासी नेता कार्तिक उरांव के नाम से जाना जायेगा सिरमटोली फ्लाईओवर

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में पर्यावरण सुरक्षा और जनकल्याण को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं और अहम घोषणाएं कीं। इस अवसर पर उन्होंने सिरमटोली फ्लाईओवर का नाम बदलकर प्रसिद्ध आदिवासी नेता कार्तिक उरांव के नाम पर रखने की घोषणा करते हुए कहा कि यह हमारे पूर्वजों को सम्मान देने का एक तरीका है।
मुख्यमंत्री रांची के डोरंडा स्थित वन भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12 बजे हुई, जहां पर्यावरण संरक्षण, हरित विकास और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
इस मौके पर सीएम ने नई पहल करते हुए कहा कि अब सरकारी आयोजनों में गुलदस्ते की जगह पौधे भेंट किए जाएंगे। उन्होंने इसे पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक बताया।

"हरियाली हमारी पहचान है"
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की आत्मा उसकी हरियाली, पहाड़ और नदियों में बसती है। उन्होंने चिंता जताई कि आधुनिक जीवनशैली और अंधाधुंध विकास के कारण पर्यावरण को गंभीर नुकसान हुआ है। “हम पारंपरिक रूप से प्रकृति के साथ जुड़े हुए हैं, लेकिन अब हमें इसे बचाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे,” उन्होंने कहा।
सीएम सोरेन ने प्लास्टिक के उपयोग को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “एक समय था जब बिना प्लास्टिक के भी जीवन सहज था, लेकिन अब यह एक बड़ा खतरा बन गया है। हमें इससे लड़ने के लिए न केवल कानून बल्कि जनजागरूकता और सोच में बदलाव लाना होगा।”
शहरीकरण की चुनौतियों पर सरकार की दृष्टि
शहरीकरण की वजह से लोगों को हो रही दिक्कतों की ओर इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि आज शहरों में पैदल चलने की भी जगह नहीं बची है। इसलिए फ्लाईओवर, अंडरपास और डैम जैसे निर्माण जरूरी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया महंगी और जटिल होती है, जिससे आम जनता प्रभावित होती है। “हम जनहित को सर्वोपरि मानकर योजनाएं बनाते हैं, न कि राजनीति के लिए,” उन्होंने स्पष्ट किया।
गरीबों की शिक्षा और महिलाओं के लिए योजनाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कैसे झारखंड के गरीब और श्रमिक वर्ग के बच्चे उच्च अंक प्राप्त कर सीएम एक्सीलेंस की सूची में शामिल हो रहे हैं। “हम चाहते हैं कि किसान और मजदूरों के बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनें,” उन्होंने कहा।
महिलाओं की प्रगति की दिशा में उन्होंने ‘मंईयां सम्मान योजना’ का जिक्र किया, जिससे ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
विदेश यात्रा और राजनीतिक कटाक्ष
अपनी हाल की विदेश यात्रा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि विदेशी जीवनशैली और सोच अलग होती है, लेकिन झारखंड की तुलना उनसे करना केवल दिखावा है। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “खाली वादों से सच्चाई नहीं बदली जा सकती।”
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, सिल्ली विधायक अमित महतो सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।