राहुल गांधी ने झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका, गैर-जमानती वारंट रद्द करने की मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने चाईबासा की विशेष एमपी-एमएलए अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की गुहार लगाई है। अदालत ने राहुल गांधी को 26 जून 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश देते हुए यह वारंट जारी किया था।
राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि इस मामले में पहले ही सीआरपीसी की धारा 205 के अंतर्गत व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अर्जी हाई कोर्ट में लंबित है। इसके बावजूद चाईबासा की अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाना विधिक रूप से अनुचित है। याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।

क्या है पूरा मामला?
यह विवाद वर्ष 2018 में राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक राजनीतिक भाषण से संबंधित है। 28 मार्च 2018 को कांग्रेस के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ तीखे और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस भाषण को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने 9 जुलाई 2018 को चाईबासा सीजेएम कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।