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Ranchi: देश के कोने कोने से आकर झारखंड को लूट रहे हैं कोचिंग संस्थान : आलोक दूबे

 

पासवा प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा है कोचिंग इंस्टीट्यूट्स झारखण्ड की शिक्षा व्यवस्था को दीमक की तरह चाट रही है। डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना दिखाकर राज्य के भोले भाले अभिभावकों एवं बच्चों को बाहर से आकर लूट रहे हैं,और बच्चे अपना सब कुछ लूटता हुआ देख रहे हैं,पढ़ाई का बोझ इन्हें खुदकुशी करने पर मजबूर कर रहा है,कोटा की घटना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने कहा कक्षा 9 से ही कोचिंग इंस्टीट्यूट बच्चों को गिरफ्त में लेना शुरु कर देते हैं,और एक ऐसा वातावरण बनाते हैं कि अगर कोचिंग इंस्टीट्यूट में नामांकन नहीं लिया तो बच्चे जीवन में कुछ भी नहीं कर सकते हैं। सबसे भयावह स्थिति दसवीं पास वाले बच्चों की है। 60 प्रतिशत बच्चे नन स्कूलिंग करते हैं, कहीं दूर दराज स्कूलों में 11 वीं में बच्चे एडमिशन लेते हैं, स्कूल नहीं जाते हैं और कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेकर वहीं रहते हैं।स्कूल सिर्फ हमें ज्ञान नहीं देता है बल्कि हर स्तर पर शिक्षित करता है । बच्चों का स्कूल नहीं जाना चिंता का विषय है और जो  40 प्रतिशत बच्चे स्कूल जाते भी हैं वो भी क्लासरुम में कोचिंग के सवालों को हल करते रहते हैं। आलोक दूबे ने बताया कि कई प्रिंसिपल ने 11 वीं कक्षा के बच्चों के मानसिक दवाब को लेकर गंभीर चिंता दर्शाता है।

पासवा प्रदेश अध्यक्ष ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि कोचिंग इंस्टिट्यूट संचालन के लिए एक सख्त कानून बननी चाहिए, विशेष कर स्कूल संचालन के समय अवधि में किसी भी सूरत में कोचिंग इंस्टिट्यूट में बच्चों के क्लास पर रोक लगनी चाहिए,अन्यथा इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।आति शीघ्र निर्णय करे सरकार वरना काफी देर हो जाएगी।सरकार ने अगर समय रहते फैसला नहीं लिया तो पासवा जनहित याचिका को लेकर न्यायालय के शरण में जाएगी। पासवा बहुत जल्द ऐसे कोचिंग इंस्टिट्यूट की सूची भी जारी करेगी जो झारखंड को लूट खंड बना कर राज्य के भोले भाले अभिभावकों बच्चों का आर्थिक, मानसिक दोहन कर रहे हैं।कोचिंग इंस्टीट्यूट होर्डिंग,बैनर लगाकर एवं विज्ञापन के माध्यम से सबसे अधिक डाक्टर, इंजीनियर,आएएस बनाने का आंकड़ा बताकर दुष्प्रचार करते हैं एवं लोगों को दिग्भ्रमित करते हैं।