रांची के डैमों की सफाई पर हाईकोर्ट की सख्ती, पेयजल सचिव और नगर आयुक्त को लगाई फटकार
राजधानी रांची के तीन प्रमुख डैमों की सफाई, जल स्रोतों के संरक्षण और अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बुधवार, 19 जून के आदेश के आलोक में, रांची नगर निगम के नगर आयुक्त और पेयजल विभाग के सचिव ने कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि हाईकोर्ट के संज्ञान में आने से पहले विभाग ने शहर के पीने के पानी में गंदगी पर ध्यान क्यों नहीं दिया। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अगले सुनवाई के दौरान भी दोनों अधिकारियों को अदालत में उपस्थित होना होगा।
अगली सुनवाई में नगर विकास सचिव की हाजिरी अनिवार्य
20 जून को हुई सुनवाई में, कोर्ट ने पेयजल विभाग के सचिव और रांची नगर निगम के नगर आयुक्त से राजधानी के डैमों और बड़ा तालाब की सफाई के लिए लॉन्ग टर्म प्लान के बारे में पूछा। दोनों अधिकारियों ने जवाब में बताया कि इस विषय पर कई एजेंसियों से विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसमें नगर विकास विभाग की भी भूमिका है। सीवरेज का काम पूरा होने तक जलाशयों को साफ-सुथरा रखने में कठिनाई होगी। इस पर कोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव को भी अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया। आपको बता दें कि यह जनहित याचिका झारखंड सिविल सोसाइटी द्वारा दायर की गई थी। हाईकोर्ट में सिविल सोसाइटी की तरफ से अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने अपना पक्ष रखा।