रिम्स में कॉटेज का किराया बढ़ा, सुविधाएं जस की तस, मरम्मत की राह देख रहा प्रशासन

राजधानी रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में मरीजों के लिए बनाए गए कॉटेज की हालत पर सवाल उठने लगे हैं। प्रशासन ने इन कॉटेज का किराया पहले के 250 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है, लेकिन सुविधाओं में कोई खास बदलाव नजर नहीं आता। कॉटेज के बाहरी हिस्से में रंग-रोगन तो किया गया है, परंतु अंदर की स्थिति अब भी दयनीय बनी हुई है।
दीवारों पर उगे पेड़-पौधों को देखकर यह सवाल उठता है कि रंगाई-पुताई के समय इनकी सफाई क्यों नहीं की गई। इन पौधों को हटाने की जिम्मेदारी सफाई कर्मचारियों पर है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण यह समस्या बनी हुई है।
फिलहाल 14 कॉटेज, 7 का उपयोग इमरजेंसी वार्ड के रूप में
रिम्स में कुल 14 कॉटेज हैं, जिनमें 7 नीचे और 7 ऊपर के तल पर स्थित हैं। इनमें से कमरा संख्या 13 और 14 को वीआईपी कॉटेज घोषित किया गया है। वर्तमान में ऊपर के 7 कॉटेज इमरजेंसी वार्ड के रूप में उपयोग में लाए जा रहे हैं। वहीं कॉटेज के बाथरूम और रसोईघर की स्थिति भी खराब बताई जा रही है, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है ताकि मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी न हो।

जल्द शुरू होगी मरम्मत, विभागीय आदेश की प्रतीक्षा
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि कुछ कॉटेज की हालत खराब है और यह प्रशासन के ध्यान में है। इनकी मरम्मत रिम्स के नवीनीकरण योजना का हिस्सा है, लेकिन इसके लिए स्वक्षय विभाग से हरी झंडी मिलना बाकी है। दीवारों की सफाई को लेकर भी कर्मचारियों को फिर से निर्देश देने की तैयारी की जा रही है, ताकि जल्द सुधार कार्य शुरू हो सके।