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जनशिकायतों के निपटारे में अब नहीं चलेगी ढिलाई, खाद्यान्न योजनाओं की हुई गहन समीक्षा, जानें

जन समस्याओं के समाधान में अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देश पर सोमवार को समाहरणालय के ब्लॉक-बी स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी मोनी कुमारी ने की।

बैठक में खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित अधिकारियों और एजेंसियों की भागीदारी रही। चर्चा का मुख्य विषय झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मार्च 2025 से अप्रैल 2025 के बीच आवंटित खाद्यान्न की उठाव, परिवहन और वितरण प्रक्रिया की स्थिति का मूल्यांकन करना था। इसके अतिरिक्त, चना दाल, नमक और चीनी वितरण योजनाओं की प्रगति का भी अवलोकन किया गया।

बैठक में सोना-सोबरन घोती साड़ी और लुंगी वितरण योजना की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। संबंधित पदाधिकारियों को इसे समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए ताकि लाभुकों तक योजना का लाभ समय पर पहुंचे।

PGMS पोर्टल पर लंबित शिकायतें बनी चिंता का कारण
बैठक में PGMS पोर्टल पर लटकी जनशिकायतों को लेकर विशेष चिंता व्यक्त की गई। उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शिकायतों का समाधान शीघ्रता और पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस दिशा में किसी भी प्रकार की उदासीनता स्वीकार्य नहीं होगी।

लाभुकों को योजना से वंचित न करने के निर्देश
राशन का उठाव नहीं करने वाले लाभुकों की सूची पर भी समीक्षा की गई और यह निर्देश दिया गया कि पात्र लाभुकों को किसी भी सूरत में योजना से वंचित न किया जाए।

समय पर कार्य पूरे नहीं करने पर होगी कार्रवाई
बैठक के अंत में मोनी कुमारी ने सभी डीलरों, गोदाम प्रबंधकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों और परिवहन एजेंसियों को सख्त हिदायत दी कि सभी कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरे किए जाएं, अन्यथा जिम्मेदारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।