Movie prime

धनबाद में कोयला चोरी पर बवाल, मजदूरों ने बीसीसीएल प्रबंधन पर लगाये गंभीर आरोप

धनबाद जिले में बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) में कोयला उत्पादन का लाभ असली उपभोक्ताओं को मिलने के बजाय कोयला चोरों को दिया जा रहा है। यह आरोप उन मजदूरों ने लगाया है, जो कोल डंप में ट्रक लोडिंग का काम करते हैं। इस मुद्दे को लेकर मजदूरों में भारी आक्रोश देखने को मिला, जिससे कोयला चोरी के खिलाफ जबरदस्त हंगामा हुआ। गुस्साए मजदूरों ने सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवानों को भी आड़े हाथों लिया और बीसीसीएल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए।

लोडिंग में गड़बड़ी का आरोप
कोल डंप के उपाध्यक्ष मनोज निषाद ने बताया कि तेतुलमारी कोलियरी में 4,000 टन कोयले का डीओ (डिलीवरी ऑर्डर) जारी किया गया है। बावजूद इसके, बीते कई दिनों से 14 चक्का ट्रक में लोडिंग की अनुमति नहीं दी जा रही है। बीसीसीएल प्रबंधन केवल 12 चक्का ट्रक में लोडिंग कराने की बात कह रहा है, जबकि मजदूरों का कहना है कि इस तरह के ट्रक फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं, जिससे लोडिंग प्रभावित हो रही है।

कोयला चोरी में अधिकारियों की मिलीभगत
मनोज निषाद ने आरोप लगाया कि आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारियों और कोयला माफियाओं की सांठगांठ के कारण बड़े पैमाने पर कोयला चोरी हो रही है। उन्होंने सीआईएसएफ पर भी इसमें शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि स्थानीय बिक्री (लोकल सेल) के लिए कोयला उपलब्ध नहीं कराया जा रहा, जबकि चोरों को यह आसानी से मिल रहा है। मजदूरों को अपने अधिकारों के लिए बार-बार आंदोलन करने की नौबत आ रही है, लेकिन कोयला तस्करी बेरोकटोक जारी है।

मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
कोल डंप के अध्यक्ष अशोक ठाकुर ने बताया कि बीते 18 महीनों से रोड सेल को बंद रखा गया है, जिससे मजदूरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीसीसीएल प्रबंधन कोयला उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिससे सैकड़ों मजदूरों के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। मजदूरों ने बीसीसीएल, आउटसोर्सिंग कंपनियों और सीआईएसएफ के बीच साठगांठ का खुलासा करते हुए मांग की है कि ऐसी संदिग्ध आउटसोर्सिंग कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाए। मजदूरों का यह भी कहना है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे।