रांची : योगदा आश्रम में ज्ञानावतार स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी की 170वीं जयंती का स्मरणोत्सव

रांची के योगदा आश्रम में श्रद्धा, भक्ति और आत्मिक उल्लास के साथ महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी का आविर्भाव दिवस मनाया गया। इस पुण्य अवसर की शुरुआत प्रातःकालीन ऑनलाइन सामूहिक ध्यान से हुई, जिसका संचालन स्वामी गोकुलानंद ने किया। इस विशेष ध्यान सत्र में देशभर के भक्तों ने आत्मिक एकाग्रता के साथ भाग लिया।
प्रातः 9:30 बजे से 11:30 बजे तक आयोजित गुरु पूजन कार्यक्रम में संन्यासियों और भक्तों ने मिलकर भक्ति रस में डूबे भजनों का आनंद लिया। ब्रह्मचारी सत्संगानंद और अन्य साधकों द्वारा प्रस्तुत भजन-संकीर्तन ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। कार्यक्रम के उपरांत सभी को प्रसाद प्रदान किया गया।

स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी न केवल परमहंस योगानंद के पूज्य गुरु थे, बल्कि उन्होंने सन 1894 में प्रकाशित “कैवल्य दर्शनम्” जैसी कालजयी रचना से भी आध्यात्मिक जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उनके शिष्य परमहंस योगानंद की रचना “योगी कथामृत” आज विश्वभर में आध्यात्मिक पथप्रदर्शक मानी जाती है, जिसका अनुवाद 50 से अधिक भाषाओं में किया गया है।
दिन भर चले इस समारोह का समापन संध्या समय आयोजित तीन घंटे की गहन ध्यान साधना से हुआ। इस अवसर पर ब्रह्मचारी प्रहलादानंद ने श्रीयुक्तेश्वरजी के प्रेरणादायक प्रसंगों और शिक्षाओं का वाचन कर उपस्थित साधकों को आत्मचिंतन और ज्ञान के पथ पर प्रेरित किया।
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