भारतीय सेना को जल्द मिलेगा नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM, मूविंग टारगेट तबाह करने में है माहिर

भारतीय सेना को जल्द ही एक और शक्तिशाली सुरक्षा प्रणाली मिलने जा रही है। रक्षा मंत्रालय सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) की तीन रेजिमेंट खरीदने पर विचार कर रहा है। यह प्रस्तावित सौदा करीब ₹30,000 करोड़ का होगा और इसे चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर तैनात किया जाएगा।
QRSAM प्रणाली को देश की प्रतिष्ठित संस्था रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। यह प्रणाली दिन और रात दोनों समय में प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम है और इसकी सफल परीक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। खास बात यह है कि यह सिस्टम बेहद मोबाइल है यानी इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है।

इस प्रणाली की खासियत इसकी तेजी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता है। यह हवा में उड़ते लक्ष्यों को पहचानने, ट्रैक करने और तुरंत जवाबी हमला करने की क्षमता रखता है। इसकी मारक क्षमता लगभग 30 किलोमीटर है, जो इसे मीडियम दूरी के अन्य सिस्टम जैसे MRSAM और आकाश के साथ मिलकर काम करने में सक्षम बनाती है।
रक्षा मंत्रालय इस डील को अंतिम रूप देने के लिए जून के चौथे सप्ताह में एक उच्चस्तरीय बैठक बुला सकता है। वर्तमान में भारत के पास S-400, आयरन ड्रोन और आकाशतीर जैसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम मौजूद हैं। इन प्रणालियों ने हाल ही में भारत-पाक संघर्ष (7 से 10 मई) के दौरान पाकिस्तान की ओर से भेजे गए चीनी मिसाइलों और तुर्की ड्रोन्स को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया था।
ऑपरेशन सिंदूर में चमका 'आकाशतीर' सिस्टम का जलवा
हालिया संघर्ष में स्वदेशी रूप से विकसित ‘आकाशतीर’ डिफेंस सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई। यह एयर डिफेंस प्रणाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से सुसज्जित है और इसमें रडार, सेंसर और कम्युनिकेशन नेटवर्क को एकीकृत किया गया है। यह सिस्टम रियल टाइम में किसी भी हवाई खतरे को पहचानने, उसका पीछा करने और उसे खत्म करने में दक्ष है।