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पूर्वोत्तर एसडीजी सूचकांक रिपोर्ट: मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के सभी जिले फ्रंट रनर, हनाहथियाल शीर्ष पर

नीति आयोग द्वारा जारी पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक 2023-24 की नवीनतम रिपोर्ट में मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के सभी जिलों को फ्रंट रनर श्रेणी में स्थान दिया गया है। गौरतलब है कि इस बार इन राज्यों का कोई भी जिला अचीवर या आकांक्षी श्रेणी में नहीं रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम का हनाहथियाल जिला 81.43 अंकों के साथ पूरे पूर्वोत्तर में शीर्ष स्थान पर है, जबकि अरुणाचल प्रदेश का लोंगडिंग जिला 58.71 अंकों के साथ सबसे निचले पायदान पर रहा।

यह सूचकांक पूर्वोत्तर के आठ राज्यों — अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा — के जिलों में सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में हो रहे कार्यों और प्रगति का मूल्यांकन करता है। यह नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स पर आधारित है, जो राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एसडीजी की निगरानी करने के लिए एक प्रभावी उपकरण है और जिलों के बीच विकास की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।

पूर्वोत्तर एसडीजी सूचकांक रिपोर्ट: मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के सभी जिले फ्रंट रनर, हनाहथियाल शीर्ष पर

पूर्वोत्तर भारत की विशिष्ट भौगोलिक, सांस्कृतिक और जनजातीय संरचना को देखते हुए सतत विकास लक्ष्य यहां और भी अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यहां विकास को पारंपरिक ज्ञान, सांस्कृतिक परंपराओं और स्थानीय जीवनशैली को संरक्षित रखते हुए आगे बढ़ाया जाए।

नीति आयोग के अनुसार, यह रिपोर्ट क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी और मूल्यांकन को सुदृढ़ करती है और सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यावरणीय पक्षों पर कार्य करते हुए सभी जिलों को साथ लेकर चलने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह सूचकांक न केवल प्रगति का मूल्यांकन करता है बल्कि नीतिगत निर्णयों में मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।

रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में उल्लेख किया गया है कि फ्रंट रनर जिलों की हिस्सेदारी बढ़कर इस बार 85 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले संस्करण में 62 प्रतिशत थी। यह सफलता राज्यों के स्थानीय स्तर पर किए गए प्रयासों, आकांक्षी जिलों की पहल और केंद्र की विभिन्न योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन का परिणाम है।

राज्यवार जिले जो सर्वोच्च और न्यूनतम अंक पर हैं:

  • अरुणाचल प्रदेश: निचली दिबांग घाटी (73.36) – लोंगडिंग (58.71)
  • असम: डिब्रूगढ़ (74.29) – दक्षिण सलमारा-मनकाचर (59.71)
  • मणिपुर: इंफाल पश्चिम (73.21) – फेरजावल (59.71)
  • मेघालय: पूर्वी खासी हिल्स (73.00) – पूर्वी जैंतिया हिल्स (63.00)
  • मिजोरम: हनाहथियाल (81.43) – लॉन्ग्टलाई (67.71)
  • नगालैंड: मोकोकचुंग (78.43) – जुन्हेबोटो (63.36)
  • सिक्किम: गंगटोक (76.64) – ग्यालशिंग (71.14)
  • त्रिपुरा: गोमती (78.79) – धलाई (72.29)

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने इस अवसर पर कहा कि भारत के विकसित राष्ट्र 2047 के लक्ष्य की दिशा में 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति बेहद अहम है। वहीं आयोग के सीईओ बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्वोत्तर को 'अष्ट लक्ष्मी' कहे जाने का जिक्र करते हुए इस क्षेत्र के समग्र विकास की आवश्यकता पर बल दिया।


 

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