आदमपुर एयरबेस पहुंचे प्रधानमंत्री, जवानों से की मुलाक़ात

ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश को संबोधित करने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की सुबह पंजाब स्थित आदमपुर एयरबेस का दौरा किया। वहां उन्होंने भारतीय वायुसेना के जवानों और अन्य सैन्य कर्मियों से संवाद किया। इस दौरान उन्हें मौजूदा सैन्य हालात की जानकारी भी दी गई।
प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात की झलक एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, "आज सुबह मैंने एएफएस आदमपुर का दौरा किया और हमारे पराक्रमी वायु योद्धाओं तथा सैनिकों से भेंट की। उनके साहस, निडरता और दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रेरणा मिलती है। भारत उनके बलिदानों को हमेशा याद रखेगा।"

Earlier this morning, I went to AFS Adampur and met our brave air warriors and soldiers. It was a very special experience to be with those who epitomise courage, determination and fearlessness. India is eternally grateful to our armed forces for everything they do for our nation. pic.twitter.com/RYwfBfTrV2
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2025
देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दी वीरों को सलामी
7 मई को अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं भारत की बहादुर सेना, सुरक्षाबलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को नमन करता हूं।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे सैनिकों की बहादुरी को सराहा।
प्रधानमंत्री ने आतंकियों को चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा, “अब हर आतंकी समझ चुका है कि देश की बेटियों के माथे से सिंदूर मिटाने की कीमत क्या होती है।” यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चली जबरदस्त गोलाबारी के बाद 10 मई को हुए संघर्ष विराम समझौते की पृष्ठभूमि में आया।
सीजफायर पर दोनों देशों में बनी सहमति
सोमवार की शाम भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई। इस समझौते में यह शर्त प्रमुख रही कि अब कोई गोलीबारी नहीं होगी।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
बताते चलें कि 7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।