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JDU कार्यकारणी की बैठक पास हुए कई प्रस्ताव, बिहार के लिए विशेष दर्जा या पैकेज की मांग

 

सियासी पलटी मारने के माहिर नीतीश कुमार ने अब बीजेपी के साथ शह-मात का खेल शुरू कर दिया है. दिल्ली में आज जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हो रही है. इस बैठक में पार्टी ने दो प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. दोनों ऐसे प्रस्ताव हैं, जिन्हें मानना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए मुमकिन नहीं है.

दिल्ली में जेडीयू ने लोकसभा चुनाव की समीक्षा और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलायी है. लेकिन उसमें ऐसे प्रस्ताव पारित किये गये हैं जो केंद्र सरकार के लिए गले की हड्डी बन सकते हैं. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि बिहार में आरक्षण का दायरा 50 परसेंट से बढ़ाकर 65 परसेंट करने का सरकार का फैसला पूरी तरह से सही था. लेकिन कोर्ट ने उस फैसले को निरस्त कर दिया है. ऐसे में जेडीयू की ओर से केंद्र सरकार से मांग की गयी कि वह बिहार में 65 परसेंट आरक्षण के फैसले को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करे. ताकि कोर्ट उसमें दखलअंदाजी नहीं कर सके.

जेडीयू कार्यसमिति की बैठक में एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जे का सुर छेड़ा गया. नीतीश कुमार की ओर से केंद्र सरकार से मांग की गयी कि वह बिहार को या तो विशेष राज्य का दर्जा दे या फिर विशेष पैकेज दे. पार्टी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए इसकी जरूरत है. जेडीयू का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर विशेष राज्य का दर्जा और पैकेज की मांग करेगा.

नीतीश ने अपनी इस मांग से भी केंद्र सरकार को मुसीबत में डाला है. 2013 में ही केंद्र की मनमोहन सरकार के समय रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किसी भी राज्य को विशेष दर्जा देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया था. वहीं, नरेंद्र मोदी ने 2015 में बिहार को सवा लाख करोड़ का विशेष पैकेज देने का एलान किया था. बीजेपी 2015 के बाद से ही लगातार ये कहती रही है कि केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष पैकेज दे दिया है. लेकिन जेडीयू किसी तरह का विशेष पैकेज मिलने की बात से इंकार करती रही है. अब एक बाऱ से इस मसले पर जेडीयू और बीजेपी के बीच विवाद बढ़ सकता है.

वैसे जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव के जरिये लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए नीतीश कुमार को बधाई दी गयी. देश में एनडीए की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी गयी. जेडीयू की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में अपनी पूरी आस्था जतायी है.

जेडीयू ने क्लीयर कर दिया है कि बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा. नीतीश के अलावा कोई दूसरा नेता मंजूर नहीं है. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी नीतीश के नाम पर ही जनता के बीच जाने का संकल्प लिया गया.

पार्टी ने फैसला किया है कि 2024 में होने वाले झारखंड चुनाव में जदयू पूरी मजबूती के साथ अपने उम्मीदवार उतारेगी. पार्टी बीजेपी से तालमेल करने की कोशिश करेगी लेकिन अगर गठबंधन नहीं हो पाया तो अपने दम पर मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू करने का फैसला लिया गया. बिहार में 2025 के चुनाव के लिए अभी से ही काम शुरू करने पर भी विचार हुआ. जेडीयू की बैठक में संगठन से जुड़े प्रस्ताव में पार्टी के केंद्र और राज्य सरकार में मंत्रियों को कार्यकर्ताओं से संवाद बनाए रखने के लिए कहा गया है. जहां भी मंत्रियों का कार्यक्रम होगा वहां बूथ स्तर पर उसकी जानकारी कार्यकर्ताओं तक पहुंचायी जायेगी. बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया गया.