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लालू के करीबी सुनील सिंह बोले- फूंका हुआ कारतूस और फ्यूज बल्ब हैं पारस

 

रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस का क्या होगा? यह सवाल लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है. बीजेपी ने चिराग को चुन लिया. उन्हें एनडीए में साथ रखा जाएगा. पांच सीट देने की घोषणा भी हो गई. इससे नाराज होकर पारस ने केन्द्रीय मंत्री का पद छोड़ दिया है. और अब दूसरा रास्ता तलाश रहे हैं। सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज है कि पारस का अगला ठिकाना महागठबंधन हो सकता है हालांकि राष्ट्रीय लोजपा के महागठबंधन में एंट्री से पहले लालू परिवार के करीबी एमएलसी सुनील सिंह ने पारस पर तीखा तंज किया है

 उन्होंने कहा कि पारस के साथ जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था. फिर उन लोगों ने भी एसेसमेंट किया होगा कि वोट किसके साथ है. पारस गुट पर तंज कसते हुए सुनील सिंह ने कहा कि ये लोग फूंका हुआ कारतूस है. अब एनडीए में इनकी कोई अहमियत नजर नहीं आ रही होगी. इसलिए दूध से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया.

सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत बयान है. यह मेरा अपना व्यू है, पार्टी का नहीं. जो किसी पार्टी के साथ, भतीजा के साथ गद्दारी करता है तो उसे यह परिणाम भुगतना ही था. रोपा पेड़ बबूल का तो आम कहां से पाए. पशुपति पारस के मामले को लेकर लालू प्रसाद को सर्वसम्मति से अधिकृत कर दिया गया है.

सुनील कुमार सिंह की गिनती लालू प्रसाद के करीबियों में होती है. जिनका कहना लालू प्रसाद का इशारा माना जाता है. इसलिए पशुपति पारस के मामले में यह माना जा रहा है कि एनडीए ने तो उन्हें तरजीह नहीं दी, अब महागठबंधन में भी जगह नहीं मिल रही है.

सुनील कुमार सिंह का बयान पारस पर राजनीतिक दबाव बनाने के लिए भी हो सकता है. लेकिन फूंका हुआ कारतूस कहना यही बता रहा है कि लालू प्रसाद, पारस को महागठबंधन में आने लिए ही शायद ही एनओसी दें.