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Ranchi: 25 घण्टे का अनवरत चला कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन का समापन, दुनियाभर के 300 से अधिक लोगों ने दी प्रस्तुति

साहित्योदय के बैनर तले 25 घण्टे का ऑनलाइन कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन का भव्य समापन हो गया। 29 जुलाई को सुबह साढ़े 10 बजे से प्रारम्भ होकर रविवार 30 जुलाई को साढ़े 11 बजे सम्पन्न हुआ जिसमें दुनियाभर के 300 से अधिक लब्धप्रतिष्ठ कवि, कवयित्री और कलाकारों में अपनी सर्वोत्तम प्रस्तुति दी। समापन सम्बोधन करते हुए प्रख्यात गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि जन रामायण के बाद कृष्णायण का यह आयोजन अभूतपूर्व जो आनेवाले समय में इतिहास रचेगा। उन्होंने साहित्योदय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसने भारतीय साहित्य और संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। अंतिम सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात कवि अजय अंजाम ने कहा कि साहित्योदय का हर कार्यक्रम विश्वस्तरीय होता है और यहां आकर प्रस्तुति देने में गर्व की अनुभूति होती है। संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने सभी रचनाकार और अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि कृष्ण के सम्पूर्ण जीवन को किसी एक ग्रंथ या कार्यक्रम में समेट पाना मुश्किल है लेकिन जन रामायण की तरह कृष्णायण भी विश्व कीर्तिमान स्थापित करेगा। उद्धाटन और समापन सहित कुल 26 सत्रों को करीब एक दर्जन मॉनिटर और 24 संचालकों ने संभाला। पंकज प्रियम लगातार जुड़े रहे। हर सत्र में एक वरिष्ठ साहित्यकार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। जिसमें पण्डित अनित्य नारायण मिश्र, सरला शर्मा, डॉ शोभा त्रिपाठी, प्रोफेसर रामकुमार पाठक, संजीव शर्मा सलिल, विनय श्रीवास्तव इत्यादि प्रमुख हैं। इससे पूर्व उद्घाटन सत्र में सरस्वती वंदना और कृष्ण स्तुति किशोरी भूषण ने किया जबकि भूमिका संजय करुणेश ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन सुरेंद्र उपाध्याय ने दिया।  कार्यक्रम के सुगम संचालन में वरिष्ठ साहित्यकार गणेष दत्त जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 

गौरतलब है कि भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित साझा महाकाव्य कृष्णायण का लोकार्पण वृंदावन में प्रस्तावित श्री बाँके बिहारी अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में होगा, जिसकी  सफलता की हेतु 29-30 जुलाई को कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन किया गया।   संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि जन रामायण की अपार सफलता के बाद भगवान श्री कृष्ण के सम्पूर्ण जीवन पर 170 से अधिक रचनाकारों ने अपनी काव्याहुति दी है जिसका भव्य लोकार्पण वृंदावन आयोजन में किया जाएगा। इससे पूर्व 6-7 दिसम्बर 2021 को करीब 30 घण्टे का जन रामायण अखण्ड  काव्यार्चन किया गया था जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। गत वर्ष 19-20 नवंबर को अयोध्या में जन रामायण साहित्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि सामान्य विषयों पर तो सभी गीत ग़ज़ल लिखते हैं लेकिन साहित्योदय ने भारत की समृद्ध सभ्यता, संस्कृति, राष्ट्रधर्म और वेद-पुराणो पर साहित्यधर्मिता निभाने का कार्य किया है। आज भटकी हुई युवा पीढ़ी और भारत के भविष्य को अपनी पुरातन संस्कृति से जोड़ने, उसपर अध्ययन तथा सृजन कराना साहित्योदय का मुख्य उद्देश्य है। गौरतलब है कि साहित्योदय विगत 5 वर्षों से साहित्य कला और संस्कृति पर अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। कोरोना काल को सृजन काल मे परिवर्तित कर साहित्य सृजन को एक नया आयाम देने का काम किया है। अबतक हजारों नवोदित रचनाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर और उपेक्षित कलमकारों की उत्कृष्ट रचनाओं का प्रकाशन किया है। साहित्योदय प्रकाशन से अबतक 1 दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। अगले 10 वर्षो में साहित्योदय की कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य चल रहा है। आयोजन को सफल बनाने गणेश दत्त, नंदिता माजी शर्मा, प्रिया शुक्ला, किशोरी भूषण, सीमा सिन्हा मैत्री, डॉ रजनी शर्मा, अनामिका गुप्ता, भारती यादव, मनोज बरनवाल सहित पूरा साहित्योदय परिवार लगा रहा।