CAG रिपोर्ट से खुली हेमंत सरकार की पोल, बाबूलाल मरांडी ने साधा निशाना

झारखंड में वित्तीय अनियमितताओं और कुप्रबंधन को उजागर करती CAG की रिपोर्ट को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हर गेंद पर छक्का मारने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद हिट विकेट हो रहे हैं। CAG की रिपोर्ट ने सरकार की कमजोर वित्तीय नीतियों और इच्छाशक्ति की कमी को उजागर कर दिया है।"
हर बॉल पर छक्का लगाने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM हिट विकेट होते नजर आ रहे हैं। CAG की रिपोर्ट ने हेमंत सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और घोर इच्छाशक्ति के अभाव को उजागर कर दिया है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) March 1, 2025
सरकार ने तकरीबन 19 हज़ार करोड़ रुपये की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया,…

मरांडी ने रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार करीब 19 हजार करोड़ रुपये की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में असफल रही, जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की आशंका पैदा होती है। इसके अलावा, आकस्मिक व्यय निकासी और गलत बजटीय प्रबंधन के चलते राज्य पर कर्ज का बोझ 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में गरीबी के बावजूद, कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवंटित बजट का पूरा उपयोग नहीं किया गया। इससे जरूरतमंदों तक लाभ नहीं पहुंच सका। DBT योजनाओं में भी अनियमितताएं पाई गईं, जिसमें फर्जी लाभार्थियों और अपात्र छात्रों को भुगतान किया गया।
स्वास्थ्य क्षेत्र की खस्ता हालत
CAG की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड का स्वास्थ्य तंत्र बदहाल स्थिति में है। डॉक्टरों के 61% और मेडिकल कॉलेजों में 45% पद खाली पड़े हैं। वहीं, दवा और चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए उपलब्ध बजट का सिर्फ 20% ही खर्च किया गया।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि सैंपल जांच केंद्रों में दवाओं की उपलब्धता 66-94% तक घटी हुई है, जबकि ऑपरेशन थिएटर (OT) में आवश्यक उपकरणों की कमी 48-67% तक दर्ज की गई।
बाबूलाल मरांडी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यह रिपोर्ट हेमंत सरकार के कुशासन का आईना है। उन्होंने मांग की कि सरकार पारदर्शी शासन सुनिश्चित करे और जवाबदेही तय करे। साथ ही, बेहतर बजटीय प्रबंधन और विभागों के बीच समन्वय को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।