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कोर्ट ने हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि बढ़ाई, 5 दिन और चलेगी पूछताछ

 
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि, हेमंत सोरेन द्वारा दिए गए जवाबों से वे संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा कई ऐसे सवाल भी हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिले। 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में ED की टीम कोर्ट में पेश करने पहुंची है। दरअसल आज हेमंत सोरेन के रिमांड की अवधि ख़त्म होने वाली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ED कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री की रिमांड बढ़ाने की अपील कर सकती है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि, हेमंत सोरेन द्वारा दिए गए जवाबों से वे संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा कई ऐसे सवाल भी हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिले। 

ED को पूछताछ में खास हासिल नहीं हुआ
ED के अधिकारी पांच दिनों तक हेमंत सोरेन से पूछताछ करते रहे, लेकिन इस दौरान कुछ विशेष जानकारी नहीं निकाली जा सकी है। अब तक हुई पूछताछ के दौरान बड़गई अंचल की जिस जमीन को लेकर सवाल-जवाब किए गए, हेमंत सोरेन ने उसमें अपनी भूमिका से इनकार किया है। उन्होंने ED से कहा कि उस जमीन से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।

ED के सवाल 

1. बड़गाई अंचल की बरियातू स्थित 8.5 एकड़ जमीन किसके कब्जे में है?

2. जमीन खरीदने के लिए पैसा कहां से आया या जुटाया गया?

3. आपके पास कुल कितनी चल और अचल संपत्ति है?

गौरतलब है कि, बड़गई के 8.46 एकड़ जमीन घोटाला मामले में ईडी हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है। सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। 3 फरवरी को सोरेन को 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया था। पांच दिनों की ED की कस्टडी के दौरान उनके वकील की ओर से हेमंत सोरेन को कैंप जेल में रखने की मांग की गई थी। कोर्ट में दलील दी गई कि हेमंत सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। यह भी कहा कि सोरेन कई शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हैं। इसलिए उन्हें रात में कैंप जेल में रहने की अनुमति दी जाए। जिसका ED के वकील ने विरोध किया था। ED ने कहा था कि कानून में रिमांड के लिए दो ही प्रावधान हैं, ज्यूडिशियल रिमांड और पुलिस रिमांड। कोर्ट ने सोरेन को पुलिस रिमांड पर भेजा है। रिमांड में अभियुक्त की सुरक्षा की जिम्मेदारी ED पर है। ऐसे में हेमंत सोरेन को रात में कैंप जेल में रखने की मांग कानूनन ठीक नहीं। इसके बाद सोरेन को होटवार जेल में रखा गया।