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दसवीं-बारहवीं परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग सख्त, शिक्षकों की छुट्टियां रद्द, खराब रिजल्ट पर होगी कार्रवाई

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने आगामी दसवीं और 12वीं की परीक्षाओं के मद्देनज़र बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की छुट्टियों पर रोक लगाते हुए आदेश जारी किया है कि शिक्षक बिना अनुमति के अवकाश पर नहीं जा सकेंगे। इसके साथ ही छात्रों के बेहतर प्रदर्शन और शत-प्रतिशत परिणाम सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को सिलेबस का रिवीजन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

मॉक टेस्ट और विशेष कक्षाओं पर जोर
शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने निर्देश दिया है कि स्कूलों में मॉक टेस्ट आयोजित किए जाएं और कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं चलें। सचिव ने प्री टेस्ट के परिणाम के आधार पर छात्रों को ए, बी, सी और डी ग्रेड में वर्गीकृत करने के निर्देश भी दिए हैं। विशेष रूप से सी और डी ग्रेड वाले छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं अनिवार्य की गई हैं। साथ ही शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि अंग्रेजी, गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषयों पर अधिक जोर दें। छात्रों के छोटे-छोटे समूह बनाकर उनकी जिम्मेदारी अलग-अलग शिक्षकों को सौंपी जाएगी। हर विषय के महत्वपूर्ण चैप्टर्स से संभावित प्रश्न तैयार कर छात्रों को नियमित अभ्यास कराया जाएगा।

मॉडल टेस्ट अनिवार्य, तैयार होंगे 200 प्रश्न
परीक्षा से पहले हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक विषयवार मॉडल टेस्ट आयोजित होंगे। जैक पैटर्न पर आधारित 150-200 बहुविकल्पीय प्रश्नों का अभ्यास कराया जाएगा। कठिन चैप्टर्स को चिन्हित कर छात्रों का लगातार अभ्यास सुनिश्चित करना शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी।

रिजल्ट पर निगरानी और सख्त कार्रवाई का निर्देश
शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक अधिकारियों को परीक्षा की तैयारी पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी दी गई है। खराब परिणाम के लिए विषयवार शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी। यदि किसी विषय का रिजल्ट संतोषजनक नहीं रहता है तो लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

बताते चलें कि शिक्षकों को छात्रों के संपर्क में रहकर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। हर विषय के संभावित प्रश्नों का अभ्यास कराकर छात्रों को परीक्षा के लिए पूरी तरह तैयार करना शिक्षकों की प्राथमिकता होगी।