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नीति आयोग की बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, कहा-विकसित भारत और विकसित राज्य की कड़ी में विकसित गांव को जोड़ना जरूरी

भारत मंडपम में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रीगण और नीति आयोग के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए। इस अहम बैठक में झारखंड का नेतृत्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। मुख्यमंत्री ने झारखंड की प्राथमिकताओं, चुनौतियों और केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि "विकसित भारत की नींव विकसित राज्यों से बनती है और उसकी शुरुआत गांवों के सर्वांगीण विकास से होनी चाहिए।" उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार गरीबी हटाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, युवाओं को हुनरमंद बनाने, किसानों की बेहतरी, शिक्षा, आधारभूत ढांचे और तकनीकी विकास पर लगातार काम कर रही है।

नीति आयोग की बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, कहा-विकसित भारत और विकसित राज्य की कड़ी में विकसित गांव को जोड़ना जरूरी

सीएम सोरेन ने विशेष रूप से महिलाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत 50 लाख महिलाओं को हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। खनन संबंधी मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खनिज संपदा की भरमार है, लेकिन प्रदूषण और विस्थापन इसके गंभीर पहलू हैं। खनन कंपनियों द्वारा अधिग्रहित भूमि के बदले मुआवजा भुगतान न होने के कारण राज्य सरकार पर करीब ₹1.40 लाख करोड़ की राशि बकाया है। उन्होंने इस बकाया राशि की शीघ्र अदायगी और सीबीए एक्ट में संशोधन कर खनन के बाद की गई भूमि को राज्य सरकार को लौटाने का प्रावधान जोड़ने की मांग की।

उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कंपनियों की जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए और कोयला आधारित मीथेन गैस के उपयोग से ऊर्जा उत्पादन की दिशा में ठोस पहल की जा सकती है। साथ ही, खनन कंपनियों को कैप्टिव प्लांट स्थापित करने और कुल उत्पादन का 30% हिस्सा राज्य में इस्तेमाल करने की अनिवार्यता तय होनी चाहिए।

वन क्षेत्र के कारण आधारभूत परियोजनाओं को मंजूरी मिलने में देरी की बात उठाते हुए उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों की तरह झारखंड को भी विशेष सहायता देने की मांग की। उन्होंने रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने, कंपनियों के CSR और DMFT फंड को राज्य की प्राथमिकताओं में सम्मिलित करने और साहेबगंज को कार्गो हब के रूप में विकसित करने पर बल दिया।

नीति आयोग की बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, कहा-विकसित भारत और विकसित राज्य की कड़ी में विकसित गांव को जोड़ना जरूरी

सीएम ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की भी विस्तार से चर्चा की। मइयां सम्मान योजना, अबुआ स्वास्थ्य योजना, और सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी पहलें राज्य सरकार चला रही है, लेकिन केंद्र की योजनाओं के कठोर मानदंडों के कारण लाखों परिवार इससे वंचित रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 25 लाख परिवारों को हर महीने 5 किलो चावल और 28 लाख परिवारों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है। वहीं, 38 लाख परिवार आयुष्मान भारत योजना से बाहर हैं, जिन्हें राज्य सरकार अपनी योजनाओं से कवर कर रही है।

सीएम सोरेन ने सुझाव दिया कि जिलावार हेल्थ प्रोफाइल तैयार करने जैसी पहल राष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने केंद्र की योजनाओं को राज्यों की जरूरतों के अनुसार लचीला बनाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि में समयानुकूल वित्तीय वृद्धि होनी चाहिए।

राज्य में लागू CNT और SPT कानून निवेश में बाधा बनते हैं, जिसे वित्त मंत्रालय के सहयोग से हल करने की आवश्यकता है। उन्होंने उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में CAPF बलों की तैनाती पर राज्य को प्रतिधारण शुल्क मुक्त करने की मांग की। नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 16 से घटकर अब केवल 2 रह गई है, फिर भी सभी 16 जिलों को विशेष केंद्रीय सहायता मिलती रहनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं, विशेषकर कैमरून में फंसे मजदूरों को राज्य द्वारा वापस लाने की जानकारी दी। उन्होंने सुझाव दिया कि विदेशों में कार्यरत मजदूरों की वीजा, सुरक्षा और व्यय में केंद्र सरकार की भागीदारी होनी चाहिए।

उन्होंने वित्त आयोग को लेकर सुझाव दिया कि वर्टिकल डेवल्यूशन की हिस्सेदारी 41% से बढ़ाकर 50% की जाए। वर्तमान में केंद्र द्वारा उपकर और अधिभार विभाज्य पूल में शामिल नहीं किए जाते, जिससे राज्यों को राजस्व का नुकसान होता है। GST लागू होने के बाद झारखंड जैसे विनिर्माण राज्यों को राजस्व हानि हुई है, और जून 2022 से मुआवजा बंद होने से हजारों करोड़ का घाटा हुआ है।

अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि झारखंड को अपेक्षित सहयोग मिले तो "विकसित भारत @2047" के लक्ष्य को झारखंड अवश्य साकार कर सकता है।

बैठक में झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्थानिक आयुक्त अरवा राजकमल और योजना सचिव मुकेश कुमार भी उपस्थित रहे।