झारखंड हाईकोर्ट का अहम फैसला : पति की कथित प्रेमिका पर पत्नी नहीं दर्ज करा सकती प्रताड़ना का केस
झारखंड हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पत्नी अपने पति की कथित प्रेमिका पर प्रताड़ना का मामला दर्ज नहीं कर सकती। अदालत ने कहा कि प्रताड़ना का मामला सिर्फ पति और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ ही दर्ज हो सकता है, इसलिए कथित प्रेमिका के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द किया जाता है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एके चौधरी की बेंच में हुई।
मामले में आरोपी युवती की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। युवती के वकील ने अदालत को बताया कि धनबाद के एक केस में उनकी मुवक्किल पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने तर्क दिया कि प्रताड़ना की धारा में पति और उसके रिश्तेदारों पर ही मामला दर्ज हो सकता है, जबकि कथित प्रेमिका उस महिला की रिश्तेदार नहीं है। पीठ ने इस तर्क को स्वीकारते हुए आरोपी युवती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया।
यह मामला धनबाद जिले का है, जहां सब-इंस्पेक्टर विकास यादव के खिलाफ उनकी पत्नी ने उत्पीड़न का केस दर्ज किया था। इसमें उनकी पत्नी ने विकास यादव के भाई और कथित प्रेमिका को भी अभियुक्त बनाया था। अभियुक्त युवती ने प्राथमिकी रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसे राहत दी गई।