बारिश में सुरक्षित ड्राइविंग : 10 रुपये के सिक्के से करें टायर की जांच
बारिश के मौसम में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए टायरों की हालत पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। टायरों में कम हवा होना गाड़ी की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है, जबकि अधिक हवा भरने से टायर फटने का खतरा बढ़ जाता है। मानसून के दौरान टायरों को सही हालत में रखने पर जोर देते हुए कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कई गाड़ियों में टायर की सतह चिकनी हो जाती है। टायरों पर बने खांचे (ग्रूव्स) पानी को निकालने में मदद करते हैं और सड़क पर बेहतर पकड़ देते हैं। इसलिए टायर के ग्रूव्स में पर्याप्त गहराई होना जरूरी है।
टायर की गहराई की जांच कैसे करें?
अपनी कार के टायरों की जांच करने के लिए यह सुनिश्चित करें कि उन पर बने ग्रूव्स की गहराई पर्याप्त हो। एक 10 रुपये का सिक्का लें और उसे टायर के ग्रूव्स के बीच रखें। अगर अशोक स्तंभ का शीर्ष दिखाई देता है, तो टायर को बदलने का समय आ गया है। टायर के ग्रूव्स की गहराई कम से कम दो मिलीमीटर होनी चाहिए।
टायरों की उम्र और एयर प्रेशर का ध्यान रखें
ज्यादातर निर्माता टायर की लाइफ को निर्माण की तारीख से अधिकतम 10 साल का बताते हैं। हालांकि, टायर का कितना इस्तेमाल हुआ और ड्राइविंग परिस्थितियों के आधार पर यह समय कम भी हो सकता है। सभी वाहन निर्माता अपने वाहनों के लिए अनुशंसित एयर प्रेशर का उल्लेख करते हैं। इसलिए, तय माप के अनुसार ही टायरों को फुलाना चाहिए।