जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक हमने कभी भी पं. दीन दयाल उपाध्याय द्वारा बनाई अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया : गजेंद्र सिंह शेखावत
Sep 25, 2024, 16:26 IST
भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रेरणा स्रोत पं. दीन दयाल उपाध्याय की 108वीं जन्म जयंती पर आज प्रातः दिल्ली भाजपा ने पं. दीन दयाल उपाध्याय स्मृति उपवन में एक पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा की अध्यक्षता में आयोजित सभा को केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित कर पं. दीन दयाल उपाध्याय के जीवन के प्रेरक संस्मरण रखे।
स्मृति सभा में प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री पवन राणा, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं योगेन्द्र चांदोलिया, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता, प्रदेश महामंत्री विष्णु मित्तल, पूर्व अध्यक्ष आदेश गुप्ता, वरिष्ठ नेता मूलचंद चावला, विधायक अजय महावर, मोहन सिंह बिष्ट एवं राजकुमार आनंद, पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने सर्व प्रथम पुष्पांजलि अर्पित की तदुपरांत सभी कार्यकर्ताओं ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की विशाल मूर्ति के चरणों में पुष्पांजलि की।
राजकुमार भाटिया एवं किशन शर्मा द्वारा संचालित सभा में प्रदेश पदाधिकारियों दिनेश प्रताप सिंह, योगिता सिंह, सतीश गर्ग, प्रवीण शंकर कपूर, गजेन्द्र यादव, जय भगवान यादव, सुनीता कांगड़ा, बृजेश राय, अमित गुप्ता के साथ ही विभिन्न मोर्चों एवं प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, अनेक निगम पार्षद और वरिष्ठ कार्यकर्ता सम्मलित हुए।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जब कभी भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जिक्र होता है तो एक ऐसे राजनीतिक दौर का जिक्र होता है जिसमें उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनकी जीवन यात्रा काफी छोटी रही लेकिन विचारो के नजरिए से उनका यह जीवन काफी बड़ा था जिसने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी और अंत्योदय के दिए गए मूलमंत्र को केंद्र की मोदी सरकार आज आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि 21 जुलाई 1942 को अपनी मां को लिखे पत्र में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने लिखा कि समाज की उन्नति के बिना किसी व्यक्ति का विकास संभव नहीं है और कुछ व्यक्तियों के विकास से समझ की उन्नति नहीं हो सकती। उनकी यह पंक्ति हम सब के लिए एक प्रेरणा की स्रोत है।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का कहना था कि हमारे धर्म, जाति और संस्कृति की रक्षा के लिए भगवान श्री राम वनवास गए, श्री कृष्ण ने अथाह कष्ट सहे, महाराणा प्रताप ने जंगलों में अपना जीवन बिताया, शिवाजी ने सर्वस्त्र न्योछावर कर दिया, गुरुगोविंद सिंह जी के दोनों साहबजादे दीवार में चुनाव कर शहीद कर दिए गए, इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम देश के लिए कुछ करें।
पं. दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिभा का प्रमाण है कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने कहा था कि अगर हमें दो दीनदयाल उपाध्याय मिल जाए तो मैं देश का नक्शा बदल दूंगा।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस एकात्म मानववाद की बात पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी 1956 में कर रहे थे उसी का बृहद स्वरूप है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उज्जवला योजना, अंत्योदय योजना के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज की अंतिम वर्ग तक सरकार की योजना को पहुंचाना हमारी पहली प्राथमिकता रहती है और मोदी सरकार उसमें सफल हुई है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के 108वीं जन्म जयंती पर हम सब उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने आए हैं जिन्होंने उपनिवेशवाद के समय में विचार आधारित राजनीति को आगे रखा और आज तक चाहे जनसंघ हो या भारतीय जनता पार्टी अपने विचारों के समझौता नहीं किया। इतने सालो से लगातार काम करने का परिमाण है कि आज इस मुकाम पर जाकर पहुंचा है कि पूरे विश्व का नजरिया भारत को देखने का बदल गया है और एक आदर का भाव पूरे विश्व भर में भारत को मिला है।
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति, भारतीय इतिहास और भारतीयता का संस्कार बनाने में पंडित जी एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारत को नया भारत बनाने की दिशा में काम किया और आज उनके ही विचारों के कारण भारत गौरवांवित महसूस कर रहा है।
गजेंद्र सहरावत ने कहा कि जब कोई देश राष्ट्र, समाज ऐसे बदलाव से गुजरता है तब समाज और देश में रहने वाले लोगों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है और आज भारत एक तेजी से विकास की ओर बढ़ता हुआ देश है इसलिए भारत के लोगों को भारतीय संस्कृति को और उसके धरोहर के उपर इस बात की जिम्मेदारी है कि वह इस देश को समाज को आगे कैसे ले जाता है। व्यक्ति के विकास से लेकर समाज के विकास तक और विकसित समाज से आने वाली पीढ़ियों के साथ एक समन्वित विचारधारा पनपता है जो कि एक विकसित राष्ट्र का निर्माण करने में सहायक होता है